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क्रिकेट पर दांव लगाकर जिंदगी का दांवÓ हार रहा हमारे देश का भविष्य Ó

locationजोधपुरPublished: Jan 08, 2018 05:51:28 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

सट्टेबाजी के खेल में फंसकर बर्बादी का खेल खेल रहे युवा
 

Good instructions for cricket spectators in Lucknow

Good instructions for cricket spectators in Lucknow

अनिता चौधरी/.जिस उम्र में किशोर और युवा अपना करियर बनाने के लिए कदम रखते हैं, उसी उम्र में कुछ युवा चंद पैसों के लालच में आकर आकर माता-पिता के सपनों पर अंधकार के बादल मंडराने की स्थिति बना देते हैं। हालात एेसे उत्पन्न हो जाते हैं कि जो राशि माता पिता ने अपने खून- पसीने से कमाकर अपने बच्चों के सपने पूरे करने के लिए जमा कर रखी होती है वहीं पैसे वे अपने लाडलों के कर्ज चुकाने में लगा देते हैं। एेसे ही हालात पैदा कर रहे है जोधपुर के सट्टा एेजेंट…ये एेजेंट युवा और किशोरों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें इस प्रकार से प्रयोग में लेते है जिससे देश का भविष्य कहलाने वाले युवा और किशोर खुद ही देश का भविष्य बिगाडऩे में लग जाते हैं। इस खेल में युवा और किशोर पर पांच लाख तक का कर्जा हो रखा हैं और इन युवाओं की उम्र 16 से 25 के करीब है।
फैला रखा है अपना जटिल नेटवर्क


इन सटोरियों का जाल बहुत ही जटिल तरीके से फैला हुआ है। इन्होनें जोधपुर के कुछ रेस्त्रां को अपना अड्डा बना रखा है। यहां पर टीवी में मैच लगाकर ये सबसे पहले यह देखते हैं कि किसको क्रिकेट पंसद है और कौन कम समय में पैसे कमाना चाहता हैं। इसके बाद ये लोग कुछ एेसे एजेंट बनाते है जो कि इस बर्बादी के खेल का एक अहम किरदार होते हैं। इन एजेंटों को नए मोहरो को इस जाल में फंसाने का कमीशन दिया जाता हैं। इन एजेंटों पर एक मुखिया होता है जो कि खुद के उपर के मुखिया को इसकी जानकारी देता है। किस व्यक्ति के पास कब और क्या सवाल भेजना होता है इसकी डील इनके रैकेट का हेड खुद तय करता है। यह प्रक्रिया इंटरनेट एक्सपर्ट की देख रेख में होता है। जो कि यह ध्यान रखता है कि इसकी जानकारी किसी भी प्रकार से लीक नहीं हो।
चुनते है हाई टेक्नोलॉजी के बेरोजगार ज्ञाताओं को


यह रैकेट चलाने वाले लोग एेसे बेरोजगार लोगों को चुनते है जो कि टेक्नोलॉजी का अच्छा ज्ञान रखते हो। उनसे ये लोग इस खेल को बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक चलाते हैं। ये ज्ञाता इस खेल को ऑनलाइन सम्भालते है। इन हाई टेक्नोलॉजी के ज्ञाताओं की यह प्रतिभा न जाने कितनी ही प्रतिभाओं को खत्म कर रही है।
प्रशासन को नहीं लगती भनक


यह खेल ऑनलाइन खेला जाता है और इसमें इतने शातिर लोग शामिल होते हैं कि इसकी भनक किसी को भी नहीं लगने देते है। यह खेल रेस्त्रां में युवा बैठ कर खेलते है पर किसी को भी इसके बारे में पता नहीं लगता है। एक बार किसी एक मैच में कॉल करने के बाद ये लोग अगली बार उस सिम कार्ड का प्रयोग नहीं करते हैं। इससे प्रशासन की पहुंच से भी दूर रहते है।

‘ सही भाई Ó और ‘गलत भाई Ó बोलकर देने होते है जवाब


जब कोई युवा इनके जाल में फंस जाता है तो ये उसको फोन पर होने वाले मैच से संबंधित जानकारी देता है। इसके बाद वह युवा पहले राशि बताता है। इसके बाद उस युवक के फोन पर उस मैच से संबंधित सवाल भेजा जाता है। लेकिन जबाव उसको सही भाई और गलत भाई कह कर देना होता हैं। अगर उस युवा द्वारा दिया गया जवाब सही है तो उसके द्वारा लगाई गई राशि उसके बैंक में जमा करा दी जाती है लेकिन अगर उसके द्वारा बताया गया जवाब गलत है तो उतनी ही राशि उस व्यक्ति को एजेंट को देनी होती है।

एेसे फंसते है जाल में


इस जाल में सबसे ज्यादा किशोर और युवा फंसते हैं। सटोरियों ने हर जगह अपने एेजेंट बना रखे होते हैं। ये एजेंट किसी भी अपने स्त्रोत से एेसे लड़को का पता लगाते हैं जो कि क्रि केट में अधिक रूचि रखते हैं। एेसे लड़के क्रिकेट के बारे में अधिक जानकारी संबंधि सवालों के जवाब देते हैं। जिससे उनमें और अधिक सवालों के जवाब देने का जोश उत्पन्न होता हैं। इसके बाद इन लड़कों को लाइव मैच मोबाइल पर दिखा कर इनको सही सवाल के जवाब पर पैसे देने का लालच दिया जाता है। इसके बाद शुरू होता है बर्बादी का खेल… जिसमें इनको पहले दांव पर कम राशि लगाने की सलाह दी जाती हैं। इसके बाद इनको शुरूआत के दांव जानबुझ के जीतने दिए जाते हैं। लेकिन बाद के मैच पर लगाए दावों को हारते हारते वह इनके हाथों का मोहरा बन जाता है और इस खेल के जाल में फंस कर रह जाता है।

पैसे नहीं देने पर करते है प्रताडि़त


सट्टे में दांव पर लगाई राशि हारने के बाद ये मोहरे बने लड़के अपने पैसों को वापस लेने के लिए और दांव लगाते है लेकिन ये फिर से हार जाते हैं। एेसे मौके पर इनको सटोरियों के नेेता ही पैसे देकर आगे खेलने का प्रलोभन देते हैं। जिससे ये लड़के इनके जाल में फंसते जाते हैं। कर्ज से डूबने की स्थिति में ये लड़के इनको पैसे देने के लिए धमकातें है। इसके अलावा इनको रास्ते में रोक कर डराते हैं। कॉलेज और स्कुल तक जाना बंद करवा देते हैं। कई बार इनके साथ मारपीट तक की जाती हैं।

फिर चल पड़ते हैं अपराध की राह पर


कर्ज से डूबने के बाद ये लड़के चोरी, पर्स और चेन स्नैचिंग जैसे अपराध करना शुरू करते हैं। ये पहले अपने ही घर से चोरी की शुरूआत करते हैं, उसके बाद ये घर से बाहर चोरी करते हैं। इस जाल में फंसे युवा और किशोर इस प्रकार से अपराध की राह पर अग्रसर हो जाते हैं।

प्रशासन का कहना…..


‘हमने सटोरियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए अभियान चला रखा है। इनके खिलाफ हमेशा कड़ी कार्यवाही की जाती है।Ó

समीर कुमार, डिसीपी पश्चिम

ठोकर खाने के बाद आई अक्ल, तो एेसे बयां किया अपना दर्द….
केस 1

मैं एक रेस्त्रा में अकसर विडियो गेम खेलने जाता था। वहीं से मेरी एक सट्टा एेजेंट से जान पहचान हुई थी। इसके बाद मुझे मेरे पंसदीदा क्रिकेटर से संबंधि सवाल किए गए। इसके बाद पहले मैंने कम पैंसो के दांव लगाए। पहले मैं दांव जीत गया। उसके बाद मैं धीरे-धीरे हारता रहा और मुझपे चार लाख तक का कर्ज हो गया था। मेरा करियर अब पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। पैसे नहीं देने पर मेरे साथ मारपीट की गई। मेरे घरवालों को भी धमकायां गया।
रवि (परिवर्तित नाम) बी.कॉम सेकण्ड ईयर स्टुडेंट

केस 2

मुझे क्रिकेट का बहुत शौक था। कॉलेज में कुछ दोस्तों से मैनें इस खेल के बारे में सुना था जिसमें क्रिकेट से संबंधि सवालों के जवाब देने पर पैसे भी मिलते है, एेसा मुझे बताया गया। फिर मैं एेसे एजेंट से मिला जिसने मुझे क्रिकेट के सट्टे के बारे में बताया। मुझे उधार के पैसे भी दिए गए । इससे बाद मुझे शुरू के दांव में सफलता मिली। लेकिन बाद में हारता गया। जिससे मुझपे तीन लाख तक का कर्जा हो गया।
अजय (परिवर्तित नाम) बी.कॉम सेकण्ड ईयर स्टुडेंट

केस 3

मैं नए जमाने के मंहगें फोन, पार्टी और दोस्तों के बीच में खुल्ले खर्चे के टें्रड को देखकर ये सोचने लगा कि मैं भी एेसे ही पैसे खर्च करूं। तब एक हुक्का बार में मुझे एक सट्टा एजेंट मिला जिसने मुझे घर बैठे ही पैसे कमाने का लालच दिया। पहले मैने कम राशि लगाक र एक बार चेक करने की बात कही। फिर मेरे पास मैसेज आते थे उनका मैं जवाब देता था। उसके बाद मेरे बैंक अकाउंट में पैसे वह एजेंट जमा करवाता था। फिर मैनें यह खेलने से मना किया तो मुझे उन लोगों ने धमकाना शुरू कर दिया और मानसिक तौर पर प्रताडि़त करना शुरू किया। मैं एग्जाम में भी फेल हो गया और कर्जा भी बहुत हुआ।
रतन (परिवर्तित नाम) कक्षा बाहरवीं

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