न जागरूकता, न ही सावधानियां चिकित्सा विभाग की टीम को केवल स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए आश्वस्त करना था। सीएमएचओ और संयुक्त निदेशक ने इसमें शिक्षा विभाग को भी शामिल कर सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को स्वाइन फ्लू के कारण, लक्षण व बचाव संबंधी वीडियो दिखाकर जागरूक करने को कहा, जो वास्तव में शुरू ही नहीं हुआ। साथ ही सभी निजी व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की दैनिक डायरी में रोग से बचाव की सावधानियां लिखकर देने की बात कही। ये भी केवल कागजों तक सिमटकर रह गई। इसके अलावा निजी रोग जांच लैब मालिकों के साथ बैठक कर इस रोग के जांच की दर कम करवाने को कहा था, जो अब तक नहीं हो पाया है।
४२ दिन १०६ नए रोगी और २४ मौतें हर दिन स्वाइन फ्लू के नए रोगी सामने आ रहे हैं। माइक्रो बायलॉजी लैब से आई जांच रिपोर्ट में रविवार को तीन मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। जानकारी के अनुसार जालोर जिले की सांचौर निवासी (५०) वर्षीय महिला, जोधपुर के पलासनी गांव निवासी (५०) वर्षीय महिला व पाली जिले के सोजत निवासी (४८) वर्षीय व्यक्ति स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई। इनका मथुरादास माथुर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा है। उल्लेखनीय है कि अब तक स्वाइन फ्लू के १०६ रोगी सामने आए हैं, जबकि २४ मरीजों की मौत हो चुकी है।