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जोधपुर

एम्स में जानकारी के अभाव में इलाज के लिए करना पड़ रहा इंतजार

-एम्स में रजिस्ट्रेशन से लेकर ओपीडी का टिकट बनाने के लिए विशेष व्यवस्था-जानकारी के अभाव में लोगों को इलाज के लिए करना पड़ रहा इंतजार (Wait for treatment in AIIMS)

जोधपुरJul 27, 2019 / 08:39 pm

जय कुमार भाटी

Waiting for treatment in absence of information in AIIMS

Waiting for treatment in absence of information in AIIMS


जोधपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ( AIIMS) के ओपीडी परिसर में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ओपीडी टिकट लेने के लिए भी दो से तीन घंटे तक कतार में रहकर इंतजार करना पड़ा रहा है। (Wait for treatment)
दरअसल, एम्स में इलाज के लिए पंजीकरण कार्ड बनवाने से लेकर, ओपीडी टिकट कटवाने एवं चिकित्सक को दिखाने तक की विशेष व्यवस्था है। लेकिन मरीजों व उनके परिजन को इनकी जानकारी नहीं (absence of informatio) होने के चलते अस्पताल में न सिर्फ भीड़ बढ़ रही है, बल्कि चिकित्सक को दिखाने के लिए भी मरीज को 5 से 6 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। एम्स में एेसा नजारा हर दिन दिखाई देता है। दिनों-दिन बढ़ती भीड़ के चलते एम्स की ओपीडी तीन से साढे तीन हजार मरीजों तक पहुंच चुकी है।
स्वस्थ हैं तो भी बना लें कार्ड
एम्स में इलाज के लिए शहर सहित आस-पास के गावों एवं अन्य जिलों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। नियमों की जानकारी नहीं होने से एेसे लोगों को कई बार अगले दिन तक इंतजार करना पड़ता है। एम्स में नए मरीज के कार्ड बनवाने से लेकर ओपीडी टिकट कटवाने में लम्बा समय लगता है। इन सबसे बचने के लिए यदि आप स्वस्थ हैं तो भी अपना कार्ड एडवांस में अवश्य बना लें। जिससे इलाज के समय कार्ड बनाने के लिए लाइन में खड़े होने के बजाय सीधे ही ओपीडी टिकट लिया जा सकता है।
असुविधा से बचने के लिए यह रखें ध्यान
1-एम्स में इलाज करवाने से पूर्व पंजीकरण करवाना आवश्यक है।

2-पंजीकरण ऑनलाइन या एम्स के ओपीडी परिसर में काउंटर से हो सकता है।

3-पंजीकरण के बाद मरीज को कार्ड जारी किया जाता है। इसमें मरीज से संबंधित डिटेल्स होती है।
4-पंजीकरण शुल्क २० रुपए और वैद्यता १ वर्ष होती है।

5-एक बार पंजीकरण कार्ड बनवाने के बाद सीधे ही काउंटर से जाकर ओपीडी टिकट बनवाया जा सकता है।

6-ओपीडी टिकट पाने के लिए पंजीकरण कार्ड साथ में होना आवश्यक है।
7-ओपीडी टिकट का शुल्क दस रुपए है।

8-ओपीडी टिकट संबंधित विभाग में जमा करवाना पड़ता है।

9-यहां से मरीज को टोकन नंबर जारी किए जाते हैं।

10-इसके बाद बारी आने पर मरीज को चिकित्सक देखता है।

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