पानी का गणित
- 7 दिन और चलेगा नहर में पॉडिंग का पानी। - 10 दिन उसके बाद शहर के जलाशयों से संचित पानी से चलाना होगा काम।
- 80 लाख लीटर पानी प्रतिदिन जा रहा है जोधपुर से पानी।
- 302 एमसीएफटी पानी है अभी कायलाना-तख्तसागर में।
- 40 एमसीएफटी कुल क्षमता से कम है पानी। - एक दिन में जोधपुर-पाली दोनों शहराें के लिए चाहिए 12 से 14 एमसीएफटी पानी।
नहर से कम मिला पानी को संचय का लेवल गिरा
कुछ दिनों पूर्व Punjab से मिलने वाला पेयजल का लेवल जब आधे से भी कम हो गया तो शहरी सप्लाई में जलाशयों के पानी का उपयोग किया गया। जिससे कायलाना-तख्तसागर में संचित 340 एमसीएफटी पानी काफी कम हो गया। अब पिछले 20-25 दिन में प्रयास कर फिर से 300 एमसीएफटी तक पानी जमा किया गया है। इसमें से 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज में रखा जाता है।
- 40 एमसीएफटी कुल क्षमता से कम है पानी। - एक दिन में जोधपुर-पाली दोनों शहराें के लिए चाहिए 12 से 14 एमसीएफटी पानी।
नहर से कम मिला पानी को संचय का लेवल गिरा
कुछ दिनों पूर्व Punjab से मिलने वाला पेयजल का लेवल जब आधे से भी कम हो गया तो शहरी सप्लाई में जलाशयों के पानी का उपयोग किया गया। जिससे कायलाना-तख्तसागर में संचित 340 एमसीएफटी पानी काफी कम हो गया। अब पिछले 20-25 दिन में प्रयास कर फिर से 300 एमसीएफटी तक पानी जमा किया गया है। इसमें से 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज में रखा जाता है।
वाटर ट्रेन व कंटीजेंसी प्लान के टैंकर सप्लाई जारी वाटर ट्रेन के जरिये प्रतिदिन 80 एमएलडी पानी पाली पहुंचाया जा रहा है, यह भी जोधपुर के संचित पानी से ही हो रहा है। वहीं गांवों में कंटीजेंसी प्लान के तहत नियमित टैंकर सप्लाई भी हो रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट नक्षत्र सिंह चारण बताते हैं कि अभी मुख्य नहर में जो पॉडिंग हो रखी है उसका पानी काम में लिया जा रहा है। एक सप्ताह तक यह काम आ जाएगा। अधीक्षण अभियंता शहर जे.सी व्यास के अनुसार पहले नहर से कम पानी मिला तो जलाशयों का वाटर लेवल टूटा था, लेकिन अब फिर से पानी संचित हो रहा है। आज की िस्थति के अनुसार संचित पानी से पूरा क्लोजर निकाल सकेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट नक्षत्र सिंह चारण बताते हैं कि अभी मुख्य नहर में जो पॉडिंग हो रखी है उसका पानी काम में लिया जा रहा है। एक सप्ताह तक यह काम आ जाएगा। अधीक्षण अभियंता शहर जे.सी व्यास के अनुसार पहले नहर से कम पानी मिला तो जलाशयों का वाटर लेवल टूटा था, लेकिन अब फिर से पानी संचित हो रहा है। आज की िस्थति के अनुसार संचित पानी से पूरा क्लोजर निकाल सकेंगे।