केंद्रीय मंत्री शेखावत व महापौर ओझा ने बताया कि बैठक में रक्षा मंत्रालय से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक में
जयपुर रोड पर बरसाती पानी की निकासी के लिए गणेश प्याऊ से डिगाड़ी तक बनने वाले नाले के लिए जमीन देने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई। बैठक में तय हुआ कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से एक प्रस्ताव बना कर रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। साथ ही नाले के लिए दी जाने वाली जमीन के बराबर कीमत वाली जमीन प्रदेश में कहीं भी रक्षा मंत्रालय को दी जाएगी। इस नाले का उपयोग केवल बरसाती पानी की निकासी के लिए ही किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि गत बारिश के सीजन में सैन्य क्षेत्र में बरसाती पानी नहीं निकलने के कारण बीजेएस व आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे।
बासनी तम्बोलिया फायरिंग रेंज के रास्ते पर चर्चा
महापौर ने बताया कि बासनी तम्बोलिया में स्थित फ ायरिंग रेंज से गुजरने वाले कटानी के रास्ते की सुरक्षा का हवाला देते हुए गत दिनों सेना ने बंद कर दिया था। इस पर निर्णय किया गया कि निगम, जिला प्रशासन और सैन्य अधिकारी संयुक्त रूप से मौका मुआयना कर इस समस्या का उचित निस्तारण करेंगे। साथ ही कालवी प्याऊ के पास अधूरे पड़े सुलभ कॉम्पलेक्स का कार्य पूरा करने पर रक्षा मंत्रालय ने सैद्धंातिक सहमति दे दी है। बैठक में निगम अधिकारी प्रवीण गहलोत और पीयूष श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
एयरपोर्ट जमीन के बकाया भुगतान पर मसला हल होने की उम्मीद
सिविल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए निगम ने एयरपोर्ट ऑथोरिटी को करीब 69 एकड़ जमीन दी थी, जिसके लिए गत 26 मार्च को जिला प्रशासन, नगर निगम, एयरपोर्ट व एयरफोर्स के अधिकारियों की उपस्थिति में एक एमओयू किया गया था। केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने निगम का पक्ष रखते हुए कहा कि एमओयू के क्लॉज के अनुसार यह राशि 104 करोड़ 70 लाख 45 हजार 24 रुपए होती है।
महापौर ने बताया कि राज्य सरकार ने भूमि अवाप्ति के लिए कुछ नियम तय किए हैं, जिसमें कई विभागों को भूमि अवाप्ति शुल्क से मुक्त रखा गया है, लेकिन इस सूची में रक्षा मंत्रालय शामिल नहीं है। ऐसे में उन्हें यह अवाप्ति शुल्क अदा करना होगा। साथ ही इस जमीन के बीच में कुछ जमीन निजी खातेदारों की भी है। इसके लिए राज्य सरकार ने अवाप्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैठक मे यह निर्णय किया गया कि इस सम्बन्ध में एयरपोर्ट व एयरफोर्स के अधिकारी नियमों का अवलोकन कर वास्तविक रिपोर्ट जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।