प्लांट में सीवरेज व गंदे नालों का पानी को ही उपचारित करने के लिए स्थापित किया गया है, लेकिन इसी पानी के साथ फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी भी बहकर आ रहा है। जबकि प्लांट में सीवरेज का पानी ही ट्रीट करने के दावे निगम की ओर से किए जा रहे हैं। सामान्यत: मामूली केमिकल की मात्रा वाला पानी तो परिशोधित हो जाता है, लेकिन केमिकल की अधिक मात्रा में आने वाला रंगीन प्रदूषित पानी प्लांट में ट्रीट ही नहीं हो पाता है। जो सीधा प्लांट से होकर जोजरी नदी को जहरीला बना रहा है।
-जेपीएनटी की ओर से प्रदूषित पानी को सांगरिया स्थित प्लांट में परिशोधित किए जाने के बाद ही जोजरी में छोड़ा जाता है। इसके लिए टैक्सटाइल व स्टील उद्योगों के लिए अलग-अलग लाइन बिछाई गई है।
जसराज बोधरा, जेपीएनटी अध्यक्ष