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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी भी जहरीला!

locationजोधपुरPublished: Oct 21, 2018 01:27:45 am

Submitted by:

jitendra Rajpurohit

-ट्रीट करने के बावजूद जोजरी में आ रहा उद्योगों का रंगीन प्रदूषित पानी
-जेपीएनटी कर रहा प्रदूषित पानी के उपचार के दावे

Water treated with sewerage treatment plant is poisonous

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी भी जहरीला!

जोधपुर. शहर के गंदे नालों व सीवरेज के पानी को उपचारित करने के लिए सालावास में बनाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी ) में उपचारित करने के बावजूद छोड़े जाने वाला पानी रंगीन व प्रदूषित ही है। उपचारित पानी को जोजरी नदी में छोड़ा जाता है। एेसे में सही तरह से उपचारित नहीं होने से आ रहा प्रदूषित पानी जोजरी नदी में मिलकर दिनों-दिन नदी को जहरीला बन रहा है। पत्रिका टीम ने सालावास गांव जाकर उपचारित पानी के छोड़े जाने पर नजर रखी। इस दौरान प्लांट से छोड़े जाने वाला पानी रंगीन मिला।
सीवरेज के बीच आ रहा फैक्ट्रियों का पानी

वर्तमान में एसटीपी में सीवरेज व गंदे नालों के पानी को ही ट्रीट किया जाता है। हैरान कर देने वाली बात यह है की प्लांट में सीवरेज के साथ ही शहर में स्थापित औद्योगिक इकाइयों की ओर से छोड़ा जाने वाला प्रदूषित पानी भी इसी प्लांट में आ रहा है। उद्योगों का पानी ही नालों व सीवरेज लाइनों से जोड़ा जा रहा है।
प्लांट सीवरेज के लिए केमिकल का पानी कैसे होगा उपचारित
प्लांट में सीवरेज व गंदे नालों का पानी को ही उपचारित करने के लिए स्थापित किया गया है, लेकिन इसी पानी के साथ फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी भी बहकर आ रहा है। जबकि प्लांट में सीवरेज का पानी ही ट्रीट करने के दावे निगम की ओर से किए जा रहे हैं। सामान्यत: मामूली केमिकल की मात्रा वाला पानी तो परिशोधित हो जाता है, लेकिन केमिकल की अधिक मात्रा में आने वाला रंगीन प्रदूषित पानी प्लांट में ट्रीट ही नहीं हो पाता है। जो सीधा प्लांट से होकर जोजरी नदी को जहरीला बना रहा है।
इनका कहना है
-जेपीएनटी की ओर से प्रदूषित पानी को सांगरिया स्थित प्लांट में परिशोधित किए जाने के बाद ही जोजरी में छोड़ा जाता है। इसके लिए टैक्सटाइल व स्टील उद्योगों के लिए अलग-अलग लाइन बिछाई गई है।
जसराज बोधरा, जेपीएनटी अध्यक्ष
सालावास स्थित प्लांट में सीवरेज का पानी ही ट्रीट किया जाता है। कई बार उद्योगों की ओर से प्र्रदूषित पानी डाल दिया जाता है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व रीको को समय-समय पर अवगत करवाया जाता है।
आलोक माथुर, एईएन, नगर निगम

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