किन मुद्दों पर क्या बोले सिंघवी राफेल : राफेल का घपला सरकार की गर्दन में फांसी का फंदा है। सरकार के अधिकारियों ने लिखा भी है कि नेगोसिएटिंग कमेटी को अपने आप स्वतंत्र व स्वायत्त नेगोसिएट नहीं करने दिया जा रहा है।
राममंदिर : कोई भी निर्णय आम सहमति से होगा तो स्वागत योग्य है। आठ सप्ताह में आम सहमति प्रकट होती है तो बहुत अच्छा होगा। ऐसा निर्णय हो, जिसको सभी लोग मानें। सर्जिकल स्ट्राइक : हर पब्लिक व राजनीतिक मीटिंग में क्या भाजपा को सर्जिकल स्ट्राइक का प्रचार करना चाहिए? इसके बाद भी कांग्रेस पर आरोप लगाया जाता है। चुनाव आयोग की रोक के बावजूद 6-8 सप्ताह में भाजपा इसका उल्लघंन करेगी। इस समय भाजपा बौखलाई हुई है।
महागठबंधन : महागठबंधन कांग्रेस की बौखलाट नहीं है, मोदी खुद शिवसेना व अन्य से गठबंधन कर रहे है। राजनैतिक गठबंधन की सरकारें बौखलाहट नहीं है। रॉबर्ट वाड्रा : रॉबर्ट वाड्रा के मुरादाबाद से चुनाव लडऩे के निर्णय को नकारते हुए कहा कि पोस्टर तो भाजपा वाले भी लगा सकते हैं। हालांकि चुनाव तो सौ वर्ष के व्यक्ति भी लड़ सकते हैं। वाड्रा तो खुद कह रहे है कि वे जब राजनीतिक रूप से सक्षम होंगे, तब चुनाव मैदान में आएंगे।
दक्षिण में डैडी : दक्षिण भारत में प्रधानमंत्री को मोदी को ‘डैडी ’ के नाम से प्रचारित किए जाने पर डॉ. सिंघवी ने कहा कि वहां बीजेपी का वर्चस्व शून्य है। जबकि ‘डैडी ’ का परिवार में एक सीट का वर्चस्व नहीं है। ये एक अवसरवाद का गठबंधन है।