यहां होगा लागू जोधपुर नगर निगम उत्तर व दक्षिण का क्षेत्र। इसके अलावा महानगर क्षेत्र में पाल गांव, सांगरिया, झालामंड, खारडा रणधीर, बासनी बेंदा, उचियारडा, नांदडा कलां, नांदडा खुर्द, श्रीयादे गांव, बनाड़, गुजरावास, आंगणवा, खोखरिया, सुरपुरा, दईजर, चौखा, कुड़ी भगतासनी की राजस्व सीमाओं में।
पिछले बार से कैसे अलग
पिछली बार की तरह इस बार भी शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक आवागमन बाधित रखा गया है। आवश्यक सेवाओं को इसमें छूट दी गई। जेएनवीयू की परीक्षाओं के लिए एक अभ्यर्थी के साथ एक अभिभाावक को छूट दी गई है। साथ ही इन दो दिनों में चुनावी प्रशिक्षण भी है, ऐसे में इन लोगों को भी छूट दी गई है।
पिछली बार की तरह इस बार भी शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक आवागमन बाधित रखा गया है। आवश्यक सेवाओं को इसमें छूट दी गई। जेएनवीयू की परीक्षाओं के लिए एक अभ्यर्थी के साथ एक अभिभाावक को छूट दी गई है। साथ ही इन दो दिनों में चुनावी प्रशिक्षण भी है, ऐसे में इन लोगों को भी छूट दी गई है।
इनको पहले की तरह छूट जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम के कर्मचारी, चिकित्सा स्टाफ व मेडिकल दुकानदार, यातायात सेवाओं के अधिकारी, ट्रांसपोर्ट, बैंक, डेयरी, पेट्रोल पम्प, बिजली-पानी आपूर्ति से जुड़े कार्मिक और मीडिया संस्थाओं के कार्मिकों व हॉकर्स को छूट रहेगी।
अब आगे क्या
यह वीकेंड लॉकडाउन अगले सप्ताह भी जारी रह सकता है। इसकी समीक्षा के बाद यदि भी सकारात्मक परिणाम नहीं आए तो लॉकडाउन की अवधि एक सप्ताह या 10 दिन की लगातार भी हो सकती है।
यह वीकेंड लॉकडाउन अगले सप्ताह भी जारी रह सकता है। इसकी समीक्षा के बाद यदि भी सकारात्मक परिणाम नहीं आए तो लॉकडाउन की अवधि एक सप्ताह या 10 दिन की लगातार भी हो सकती है।
जागरूकता की गतिविधियां शहर में जागरूकता की गतिविधियां पिछले कुछ दिनों में तेज की जा रही है। लोगों के चालान बनाए जा रहे हैं और प्रशासन खुद पोस्टर व स्टीकर के माध्यम से जागरूक भी कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद संक्रमण पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है।
इनका कहना…
संक्रमण को बढ़ता देख हमने यह निर्णय किया है। यह सरकारी लॉकडाउन की बजाय जनता की भागीदारी का लॉकडाउन होना चाहिए। लोगों को जागरूक करने का प्रयास है। अब नहीं चेते को बहुत देर हो चुकी होगी।
संक्रमण को बढ़ता देख हमने यह निर्णय किया है। यह सरकारी लॉकडाउन की बजाय जनता की भागीदारी का लॉकडाउन होना चाहिए। लोगों को जागरूक करने का प्रयास है। अब नहीं चेते को बहुत देर हो चुकी होगी।
– इंद्रजीतसिंह, जिला कलक्टर जोधपुर।