scriptयह कैसा डिजिटल इंडिया, हजारों स्कूलों ने नहीं देखा कम्प्यूटर.. | What kind of Digital India is this? | Patrika News

यह कैसा डिजिटल इंडिया, हजारों स्कूलों ने नहीं देखा कम्प्यूटर..

locationजोधपुरPublished: Nov 05, 2017 07:42:12 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

– संभाग के ११ हजार २ सौ ६२ सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर नहीं..

What kind of Digital India is this?

What kind of Digital India is this?

देशभर में चल रहा डिजिटल इंडिया के नाम पर कितने ही दावे किए जा रहे हों, लेकिन जमीनी स्तर पर उन दावों की हवा निकल रही है। खासतौर से जोधपुर संभाग में अभियान प्रभावी नजर नहीं आ रहा है। इस कारण सरकारी स्कूलों के बच्चे कम्प्यूटर शिक्षा में फिसड्डी रह गए हैं। यह बात दीगर है कि शहरों में चार-पांच साल की उम्र के बच्चे मोबाइल पर गेम खेलते हैं। सात साल की उम्र में कम्प्यूटर्स के एप्लीकेशन की जानकारी उनको हो जाती है। इससे उलट जोधपुर संभाग की ११ हजार २ सौ ६२ सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर की सुविधा ही नहीं हैं। शिक्षा विभाग का प्रारंभिक ढांचा कमजोर है और कम्प्यूटर शिक्षा में फिसड्डी होने के कारण विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। हालांकि संभाग में ९४ स्कूलों में कम्प्यूटर सुविधा हैं, लेकिन शेष में कम्प्यूटर नहीं हैं। इस वजह से पूरे संभाग में करीब छह लाख विद्यार्थी कम्प्यूटर शिक्षा से वंचित हैं।
१४ साल बाद बनता है कम्प्यूटर फ्रेंडली
शिक्षा विभाग की ज्यादातर स्कूलों में आईसीटी लैब माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में स्थापित है। जबकि शिक्षा विभाग के अनुसार बच्चों को कक्षा ६ वर्ष की उम्र में कक्षा पहली में दाखिला दिलवाया जाता है। इस दौरान विद्यार्थी कक्षा ९ से १२ में प्रवेश करने पर ही अपनी स्कूल में कम्प्यूटर देख पाता है। एेसे में सरकारी स्कूलों के अधिकतर विद्यार्थी १५ साल की उम्र तक कम्प्यूटर फ्रेंडली नहीं बन पाते। ८ की उम्र तक प्लास्टिक ब्रेनआजकल कम्प्यूटर से नुकसान और फायदे दोनों हैं। फायदे ज्यादा हैं। विज्ञान के अनुसार ८ साल की उम्र तक बच्चे का ब्रेन प्लास्टिक होता है। जैसा घुमाव देंगे, वैसा घुमाव मिल जाएगा। यह उम्र कम्प्यूटर फ्रेंडली बनाने की है।डॉ. मनीष पारख, वरिष्ठ आचार्य, शिशु रोग विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
चरणबद्ध लगेंगे कम्प्यूटर
राज्य सरकार की ओर से कल्प प्रोजेक्ट के तहत उच्च प्राथमिक स्कूलों में कम्प्यूटर उपलब्ध कराए गए थे। शेष में राज्य सरकार व भामाशाहों के जरिये चरणबद्ध रूप से कम्प्यूटर लगाए जा रहे हैं।श्यामसुंदर सोलंकी, उप निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, जोधपुर मंडल, जोधपुर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो