शिव का पसंदीदा माह श्रावण मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा पर श्रवण नक्षत्र रहता है, इस वजह से इसे श्रावण और बोलचाल की भाषा में सावन कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती से श्रावण मास में विवाह किया था।
दो ग्रह अपनी राशि में होंगे वक्री सावन में शनि अपनी खुद की राशि में वक्री रहेगा। गुरु 29 जुलाई से अपनी ही राशि मीन में वक्री हो जाएगा। सावन महीने में इन दोनों का ग्रहों अपनी-अपनी राशि में वक्री होना बहुत खास योग है। सूर्य पुष्य नक्षत्र में 20 जुलाई को प्रवेश करने के बाद अच्छी बारिश के योग हैं। ज्योतिष अनीष व्यास के अनुसार सावन में शिव के साथ ही, सूर्य, चंद्र, शनि और गुरु के लिए विशेष पूजा करने से सभी नौ ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं। सावन माह में रोज सुबह उदित सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने से भी शुभफल प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार का प्रमुख दिन व तिथियां 14 जुलाई गुरुवार- श्रावण मास का पहला दिन 18 जुलाई सोमवार- श्रावण मास का पहला सोमवार 25 जुलाई सोमवार- श्रावण सोमवार व्रत 01 अगस्त सोमवार- श्रावण सोमवार व्रत
08 अगस्त सोमवार- श्रावण सोमवार व्रत 12 अगस्त शुक्रवार- श्रावण मास का अंतिम दिन