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जोधपुर

तिरूपति जैसे साफ सुथरे क्यों नहीं हैं हमारे तीर्थस्थल पुष्कर व रामदेवरा !

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6 years ago
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-तीर्थस्थल पर स्वच्छता व सुन्दरता देखनी है तो तिरूपति से अच्छी कोई मिसाल नहीं

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हर रोज रंगोली, रोशन होते हैं दीए- तिरूपति शहर के बाजार में न ट्रेफिक की समस्या है और न फुटपाथ पर अतिक्रमण। फुटपाथ साफ-सुथरे व सुन्दर हैं। सुन्दरता भी ऐसी कि हर कोई व्यक्ति बिना बिछौना भी बैठकर भगवान की आराधना कर सकता है। सड़कों के किनारे बनी दीवारों पर भगवान के चित्र बने हैं। यहां हर दुकान के आगे हर सुबह रंगोली बनाई जाती है और दुकान संचालक भगवान बालाजी व मां पद्मावती के नाम का दीया रोशन करने के बाद ही ग्राहकी शुरू करते हैं।

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पे एण्ड यूज ई-टॉयलेट- तिरूपति व तिरूमाला में सड़कों के किनारे या सार्वजनिक जगहों पर किसी को खुले में शौच व पैशाब करते नहीं देख सकते हैं। क्योंकि स्थानीय प्रशासन की ओर से जगह-जगह पे एण्ड यूज ई-टॉयलेट बना रखे हैं। इनकी व्यवस्था भी ऐसी है कि गंदगी व पानी की एक बूंद सड़क पर नहीं आती।

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ढूंढने से भी नहीं मिलती अव्यवस्था- एक रिपोर्टर के नाते मेरे दिमाग में कई तरह के सवाल उठने लाजिमी थे। इसलिए मैंने सोचा हो सकता है कि कुछ सड़कों पर ही सफाई या व्यवस्था होगी। इसलिए मैं शहर के बाजार व सड़कों पर निकल गया। मेरे के लिए यह आश्चर्य से कम नहीं था कि मुझे किसी बाजार या सड़क या सार्वजनिक जगह पर गंदगी या कचरा रूपी एक कागज तक नहीं मिला। कहीं पर भी बदइंतजामी नजर नहीं आई। बस स्टेण्ड या चाय की थडिय़ों के बाहर भी सफाई का माकूल इंतजाम दिखा। हर दुकान के बाहर व्यवस्थित कचरा पात्र रखे जाते हैं। बस स्टैण्ड, सार्वजनिक शौचालयों के आस-पास गुटखा-पान मसालों के पीक तक नहीं दिखी।

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ढूंढने से भी नहीं मिलती अव्यवस्था- एक रिपोर्टर के नाते मेरे दिमाग में कई तरह के सवाल उठने लाजिमी थे। इसलिए मैंने सोचा हो सकता है कि कुछ सड़कों पर ही सफाई या व्यवस्था होगी। इसलिए मैं शहर के बाजार व सड़कों पर निकल गया। मेरे के लिए यह आश्चर्य से कम नहीं था कि मुझे किसी बाजार या सड़क या सार्वजनिक जगह पर गंदगी या कचरा रूपी एक कागज तक नहीं मिला। कहीं पर भी बदइंतजामी नजर नहीं आई। बस स्टेण्ड या चाय की थडिय़ों के बाहर भी सफाई का माकूल इंतजाम दिखा। हर दुकान के बाहर व्यवस्थित कचरा पात्र रखे जाते हैं। बस स्टैण्ड, सार्वजनिक शौचालयों के आस-पास गुटखा-पान मसालों के पीक तक नहीं दिखी।

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हर रोज रंगोली, रोशन होते हैं दीए- तिरूपति शहर के बाजार में न ट्रेफिक की समस्या है और न फुटपाथ पर अतिक्रमण। फुटपाथ साफ-सुथरे व सुन्दर हैं। सुन्दरता भी ऐसी कि हर कोई व्यक्ति बिना बिछौना भी बैठकर भगवान की आराधना कर सकता है। सड़कों के किनारे बनी दीवारों पर भगवान के चित्र बने हैं। यहां हर दुकान के आगे हर सुबह रंगोली बनाई जाती है और दुकान संचालक भगवान बालाजी व मां पद्मावती के नाम का दीया रोशन करने के बाद ही ग्राहकी शुरू करते हैं।

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Kanaram Mundiyar

चिकित्सा-शिक्षा, राजनीति, शहरी ढांचागत विकास व आमजन के मुद्दों पर खोजपूर्ण खबरों में खास रूचि। 24 साल से प्रिन्ट, डिजिटल व टीवी पत्रकारिता में समान रूप से सक्रिय। माणक अलंकरण, पंडित झाबरमल्ल स्मृति, वीर दुर्गादास राठौड़ पत्रकारिता पुरस्कार एवं दक्षिण एशियाई लाडली मीडिया अवार्ड से पुरस्कृत। ब्यावर, अजमेर, नागौर, जोधपुर, कोटा व भीलवाड़ा में काम किया। वर्तमान में जयपुर मुख्यालय में समाचार सम्पादक पद पर कार्यरत।
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