चिरढाणी व तिलवासनी गांव में रात्रि में गई वन कर्मियों द्वारा की वन्यजीवों की गणना के दौरान उनके पास टॉर्च, डंडा व सुरक्षा के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में रोशनी के अभाव में कई वन्यजीव दिखाई नहीं दिए जो गणना के आंकड़ों में नहीं आ पाए। वन विभाग रेंजर रतन सिंह पूनिया ने बताया कि 16 मई सुबह 8 बजे गणना शुरू हुई जो 17 मई सुबह 8 बजे तक हुई। वाटर प्वाइंट पर आने वाले वन्यजीवों को की वनकर्मी और वालंटियर ने गणना शीट में दर्ज किए। गणना 2022 -23 में बिलाड़ा वन विभाग रेंज अधीन कार्यरत वन कर्मियों का गणना दल गठन कर क्षेत्र में 7 वाटर पॉइंट बनाए गए।
यहां हुई वन्यजीवों की गणना क्षेत्रीय वन अधिकारी रतन सिंह पूनिया ने बताया कि लटियाली नाड़ी चिरढाणी पर अनोप चौधरी वनपाल, रामेश्वरी वनरक्षक व मांगीलाल विश्नोई कैटल गार्ड, गवाई तालाब ओळवी पर विजेंद्र सिंह व कोजाराम कैटल गार्ड, संग्राम बिश्नोई की ढाणी लांबा पर मेहराराम व पेमाराम कैटल गार्ड, देवरिया नाडा भावी प्रकाश राम वनरक्षक व स्थानीय वन्य जीव प्रेमी, गजरालीनाडी तिलवासनी पर सीताराम बेलदार व रामदीन वन्य प्रेमी, कानजी मूंद की ढाणी चिरढाणी भीकाराम व रामनाथ व दंड नदी बुचेटी पर मोहनलाल राजेंद्र सिंह भाटी टीम के साथ गणना की। गणना में 550 मोर, 460 हिरण, 550 नीलगाय, 150 खरगोश, 250 सूअर व 50 लोमड़ी सहित कुल 1710 वन्यजीव दिखाई दिए।