नौ शिविरों में 623 यूनिट मिला खून अस्पतालों के ब्लड बैंकों में रेयर ब्लड ग्रुप की संख्या बहुत कम है। पिछले कुछ दिनों में इन ग्रुप के खून में पांच गुना गिरावट दर्ज की गई है। गर्मियों में रक्तदान और रक्तदाताओं की कमी के चलते यह स्थिति पैदा हो रही है। ब्लड बैंक के कर्मचारी खुद इस कमी से उबरने के प्रयास कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के तीनों अस्पतालों (मथुरादास माथुर, उम्मेद और महात्मा गांधी) के ब्लड बैंकों में मिलाकर अब तक नौ रक्तदान शिविर हुए हैं। इनमें 623 यूनिट रक्त प्राप्त हुआ है। महात्मा गांधी अस्पताल में तीन शिविरों में 227, मथुरादास माथुर अस्पताल में तीन शिविरों में 171 और उम्मेद अस्पताल में तीन शिविरों में 225 यूनिट रक्त संग्रहण हुआ है।
रक्तदाता दिवस पर कार्यक्रम करवाने की जिम्मेदारी भी सामाजिक संस्थाओं या समाजसेवियों ने ले ली है। उनके द्वारा ही रक्तदान शिविर लगवाए जाते हैं। पहले ब्लड बैंक को नार्कों हर साल विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए 25 हजार रुपए का बजट देता था। चार साल से यह योजना भी बंद हो गई। अब जागरूकता रैली निकालने के लिए निर्देश हैं, लेकिन बजट नहीं है।
डॉ. मंजू बोहरा, विभागाध्यक्ष, ब्लड बैंक
26 साल में 59 बार रक्तदान 1992 में मेरे किसी मिलने वाले को रक्त की आवश्यकता पड़ी थी। तब कोई रक्तदान करने को तैयार नहीं हुआ। उस समय मैंने पहली बार रक्तदान किया। अब तक मैं 59 बार रक्तदान कर चुका हूं। मुझे देखकर मेरे दोनों बच्चे भी रक्तदान कर रहे हैं, जो खुशी की बात है।
गौरीशंकर बोराणा, रक्तदाता
महात्मा गांधी अस्पताल स्टॉक उपलब्ध नहीं है। उम्मेद अस्पताल ए नेगेटिव एक यूनिट, बी पॉजिटिव छह यूनिट, ओ पॉजिटिव 8 यूनिट, ओ नेगेटिव दो और ए पॉजिटिव एक यूनिट ही उपलब्ध है।
(यह जानकारी वेबसाइट से ली गई है।)