यही कारण है कि अधिकतर पाक विस्थापित खेती और मजदूरी का काम करते हैं। हालांकि गत एक वर्ष में पाक विस्थापितों को सबसे ज्यादा नागरिकता दी गई। इसके साथ ही आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई। लेकिन आज भी कई विस्थापित नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सीमांत लोक संगठन के सूरसागर क्षेत्र के अध्यक्ष गोविंद भील ने बताया कि पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू धर्म के आधार पर भेदभाव व अत्याचार से परेशान होकर आते हैं। जो धर्म परिवर्तन नहीं करवाते हैं, उनके पास भारत में आने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता हैं।
गर्भवर्ती महिलाओं की नहीं होती सोनोग्राफी पाक विस्थापित रामचंद्र सोलंकी ने बताया कि पाक विस्थापितों को नागरिकता नहीं मिलने के कारण सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के इलाज कराने में आ रही है। सरकार ने नियमों में बदलाव कर बिना नागरिकता के आधार कार्ड दिए, लेकिन कुछ समय बाद आधार कार्ड बनने बंद हो गए। बिना आधार कार्ड या पहचान पत्र के गर्भवती महिलाओं के अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं होती हैं।
अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन नहीं पाक विस्थापितों के पास अंतिम संस्कार के लिए शहर में कोई जमीन नहीं हैं। इस विस्थापितों ने काली बेरी में एक भूखंड मालिक की अनुमति लेकर अस्थाई शमशान भूमि बनाई। लेकिन कुछ लोगों ने जमीन के पास अवैध खनन कर श्मशान तक जाने का रास्ता ही खत्म कर दिया।
खेती व मजदूरी के लिए मजबूर मंडोर के सुरपुरा क्षेत्र में वाले पाक विस्थापित जगदीश चौहान पाक विस्थापितों के नागरिकता नहीं मिलने तक उनके अन्य दस्तावेज भी नहीं बनते हैं। इससे पढ़ाई किए युवाओं को सरकारी व प्राइवेट नौकरी नहीं मिल पाती हैं। एेसे में अधिकतर विस्थपित खेती, मजदूरी जैसे काम करते हैं।
जिला प्रशासन के प्रयास अब मिलने लगी नागरिकता
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने विस्थपितों के नागरिकता आवेदन वाले प्रकोष्ठ में कई बदलाव कर कर्मचारियों को सालों से लंम्बित आवेदन के निपटारे कर नागरिकता बांटने के निर्देश दिए। टीम ने महज ६ माह में ६५४ लोगों को नागरिकता बांटी। इससे पहले वर्ष २०१८ में महज ४४३ लोगों को नागरिकता दी गई थी। इसके साथ ही गत वर्ष 1 अक्टूबर को नागरिकता की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया।
9 हजार से ज्यादा के पास नागरिक्ता नहीं जोधपुर जिले में करीब 20 हजार पाक विस्थापित हैं। इनमें करीब ९ हजार से ज्यादा के पास नागरिकता नहीं हैं। शहर में प्रतापनगर, काली बेरी, डाली बाई का मंदिर, अलकोशर नगर, कुड़ी भगतासनी, श्रीराम कॉलोनी, न्यू बकरा मंडी के पास व कबीर नगर क्षेत्र में पाक विस्थापित रहते हैं।