‘फौज में लडऩे आए है, सरेण्डर करने नहीं’ कहकर सेना में जोश भरा था सूबेदार सीपी जोशी ने, मनाया 100वां जन्मदिन
जोधपुर•Nov 20, 2019 / 02:58 pm•
Harshwardhan bhati
अमित दवे/जोधपुर. ‘दूसरा विश्व युद्ध (1939-45) जिसमें भारतीय सैनिक ब्रिटिश सेना के रूप में बर्मा में लड़ रहे थे। जर्मनी, जापान व इटली सेनाओं के विरूद्ध बर्मा में लड़ाई करना, हर तरफ लाशें और खून से लथपथ सैनिक। एक वक्त ऐसा भी आया जब इन्होंने हौसला दिया तो बटालियन लडऩे के लिए आगे बढ़ी और जीत दर्ज की।’ यह है दूसरे विश्व युद्ध में भागीदारी निभा चुके चण्डीप्रसाद (सीपी) जोशी। इन्होंने मंगलवार को 100वां जन्मदिन मनाया। इस दौरान जोशी ने ‘राजस्थान पत्रिका’ से दूसरे विश्व युद्ध से जुड़े संस्मरण सुनाए।