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जोधपुर के युवा स्टार्टअप विश्व में बढ़ा रहे शहर की शान

locationजोधपुरPublished: Aug 18, 2019 06:58:57 pm

Submitted by:

Amit Dave

– दे रहे है हजारों को रोजगार और अर्जित कर रहे विदेशी मुद्रा
 

jodhpur

जोधपुर के युवा स्टार्टअप विश्व में बढ़ा रहे शहर की शान

जोधपुर।

जोधपुर पूरे विश्व में अपने आर्टिस्टिक हैण्डीक्राफ्ट के लिए प्रसिद्ध है। सनसिटी के इस बिजनेस को उंचाइयों तक पहुंचाने में यहां के युवा हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स का बड़ा हाथ है । जोधपुर में हैण्डीक्राफ्ट के करीब 700 से अधिक निर्यातक है । जिसमें से 500 फ र्मो की बागड़ोर युवा निर्यातकों के हाथो में है । जोधपुर का हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्ट बिजनेस का टर्न ओवर सालाना करीब 2500 करोड़ रुपए है जो प्रतिवर्ष उतार-चढ़ाव को झेलने के बावजूद भी बढ़त बनाए हुए है। यहां के हैण्डीक्राफ्ट युवा निर्यातक आज विश्व के करीब 55 से अधिक देशों में हैण्डीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स निर्यात कर रहे है । सबसे अच्छी बात यह है कि यह युवा जोधपुर में करीब १ लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करवा रहे है । अधिकांश युवा निर्यातकों ने इस बिजनेस की शुरुआत जीरो से कर अपनी पहचान स्थापित निर्यातकों के रूप बना चुके है।
1- महावीर बागरेचा: हटकर काम किया, और खींच डाली नई लकीर

जीवन में सफ लता आसानी से नहीं मिलती। अपने बिजनेस कॅरियर के शुरुआती दौर में महावीर बागरेचा ने खूब संघर्ष किया और लीक से हटकर काम कर अपनी पहचान बनाई । अपने 20 वर्ष के औद्योगिक जीवन में महावीर ने कई काम किए । उन्होने सिंचाई, जवाहरात व स्टोन व्यवसाय में अपना भग्य आजमाया परन्तु सफलता नहीं मिली । जयपुर में अपने दोस्त के साथ पर्यटन इंडस्ट्री में काम किया, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। बाद में हैण्डीक्राफ्ट का बिजनेस करने की सोची। वर्ष 2001 में अपनी पहली युनिट की शुरुआत की। आज 2 फैक्ट्रियों का संचालन कर करीब 400 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे है ।
2- मनीष झंवर: अनुभव और तजुर्बे से मिली सफलता

अनुभव और तजुर्बा जीवन में गहरा प्रभाव डालते है । अनुभव से सफ लता पाई जाती है इसकी मिसाल है युवा एक्सपोर्टर मनीष झंवर । 1997 में बीकॉम फ स्र्ट इयर की पढ़ाई के दौरान ही बिजनेस शुरू किया । पिता का चुडिय़ों का व्यापार था परन्तु मनीष का पारिवारिक बिजेनस में मन नहीं लगा। इनोवेटिव थे पर किसी प्रकार का अनुभव नहीं था इसलिए बिजनेस के शुरुआत में काफ ी दिक्कतें आइ। यहां तक कि उनको स्किल्ड कारीगर तक नहीं मिलते थे । बाद में धीरे-धीरे काम करते गए व अनुभव से काम सीखते गए । हैण्डीक्राफ्ट उद्योग की बारीकियां सीखी। वर्ष 2001 में निर्यात शुरू किया । करीब 600 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा रहे है ।
3- गौरव जैन: डिजाइन व नए इनोवेशन से नाम कमाया

गौरव जैन को प्रोडक्ट की नई डिजाइन व इनोवेशन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बिजनेस में गौरव वर्ष 2001 से जुड़े। इन्होंने प्रोडक्ट डिजाइन और क्वालिटी पर दिन-रात काम किया । शुरुआत में कई दिक्कतें आई परन्तु क्रिएटिव सोच ने उन्हें हारने नही दिया । इनके नए प्रोडक्ट्स व हाइ क्वालिटी का जादू विदेशी ग्राहकों के सिर चढ़ बोल रहा है ।करीब 1 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे है । करीब 20 से अधिक देशों में इनके प्रोडक्ट निर्यात हो रहे है ।
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