केवल जैसलमेर में बचा है गे्रट इंडियन बस्टर्ड
वर्तमान में केवल जैसलमेर के सुधासरी, पोकरण फायरिंग रेंज और रामदेवरा के पास राज्य वन विभाग के एनक्लोजर में ही 40 से कम गोडावण रह गए हैं। जोधपुर स्थित जेडएसआइ के मरुस्थलीय केंद्र ने गोडावण का सर्वे व अध्ययन करके इसकी रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को अपनी सिफारिशों के साथ भेजी है। गोडावण को बचाने के लिए 200 से 300 किलोमीटर का वृहद क्षेत्र पूर्णतया मानवरहित करके गोडावण को अकेला छोडऩे की सलाह दी गई है। भारत में एक समय में 13 राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडू के शुष्क क्षेत्रों में गोडावण था लेकिन वर्तमान में राजस्थान के पाकिस्तान से लगते क्षेत्र और गुजरात के नलिया में ही गोडावण रह गया है। नलिया में करीब 10 गोडावण रिपोर्ट किए गए हैं। महाराष्ट्र्र आंध्रप्रदेश व कनार्टक प्रत्येक राज्य दो-चार गोडावण हैं।
‘गोडावण को बचाने के लिए 200 से 300 वर्ग किलोमीटर का मानवरहित क्षेत्र बनाना होगा। हमने गोडावण का अध्ययन कर उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है।
डॉ. संजीव कुमार, प्रभारी, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण जोधपुर