तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से एक मासूम बच्चे की मौत हो गई और तीन लोग जख्मी हो गए।
मेला देखने बाइक से निकला था परिवार, रास्ते में ट्रक ने मारी टक्कर, 4 साल के मासूम की हुई मौत
कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में माइंस से परिवहन में लगे तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से एक मासूम बच्चे की मौत हो गई और तीन लोग जख्मी हो गए। सडक़ पर दौड़ रहे वे-लगाम ट्रकों से आक्रोशित ग्राम भैंसासुर के ग्रामीणों ने सडक़ पर जाम लगा दिया। चक्काजामा और दुर्घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस टीन ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और ट्रक चालक को गिरफ्तार कर ग्रामीणों को समझाइश देकर यातायात को करा दिया।
जानकारी के अनुसार बुधवार को दोपहर करीब 12.30 बजे ग्राम पंचायत भैंसासुर (मटियाखार सदाराम पारा) निवासी रजमूराम आचला अपने 4 वर्षीय बेटे विनय कुमार, पत्नी बारे बाई और ६ माह के नन्हें बच्चे के साथ बाइक क्रमांक सीजी 05 एल 5626 से अंतागढ़ मेला दिखने के लिए निकला था। गांव से दो किमी दूर बाइक से पहुंचा ही था कि अंतागढ़ की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक सीजी 04 एमएल-6794 ने बाइक सवार को अपनी चपेट में ले लिया। ट्रक की चपेट में आने से बाइक पर सवार 4 वर्षीय मासूम विनय कुमार ट्रक के नीचे आ गया, इससे उसकी मौके पर ही कुचल जाने से मौत हो गई और नन्हीं बच्ची के साथ रजमूराम, बारे बाई दूर छिटक गए और तीनों घायल हो गए।
ट्रक चालक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई करने के बाद सडक़ जाम कर दिया। चक्काजाम और दुर्घटना की सूचना पर भी माइंस संचालक नहीं आया। अंतागढ़ एसडीओ मौके पर दलबल के साथ पहुंच गए। ग्रामीणों को समझाइश देने के बाद यातायात को बहाल कर दिया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया। ग्रामीणों ने कहा-ट्रक चालक धीरे नहीं चालते हैं, भैंसासुर के ग्रामीणों ने पुलिस से कहा कि ट्रकों की रफ्तार कम करने के लिए बार-बार माइंस संचालक और ट्रक चालकों को आगाह करते आ रहे हैं। बावजूद लगाम नहीं लग रही है।
ट्रकों की रफ्तार कम करने के लिए आंदोलन भी किया गया था। हर बार माइंस संचालक ग्रामीणों के सामने हाथ जोडक़र सिर्फ आश्वासन देता है। इसके बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं हो रही है। तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से एक मासूम की मौत होने पर माइंस चालक क्या जवाब देगा, क्या किसी को बच्चा देगा। हम गरीबों को साथ अन्याय हो रहा है। ट्रकों की रफ्तार कम नहीं हुई तो अब परिवहन नहीं होने दिया जाएगा।
घायल काफी देर तक सडक़ पर पड़े रहे, 108 से भेजा गया अस्पताल सुबह अपने दोनों बच्चों और पत्नी को मेला दिखाने के लिए रजमूराम काफी खुशी घर से निकला था। घर से मात्र दो सौ मीटर पहुंचा ही था कि ट्रक की चपेट में आ गया। चंद समय में अपने बेटे को खो दिया। बेटे की मौत के बाद दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृत चार साल के मासूम बेटे को सामने रखकर दोनों बिलख रहे थे। मां रोती हुई बोल रही थी कि ट्रक चालक ने मेरे बेटे की जान ले ली। ग्रामीणों की तत्परता पर 108 के माध्यम से घायलों को प्राथमिक इलाज के लिए अतांगढ़ भेजा गया, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।