शासकीय अधिवक्ता संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी अलिन गछवाल (40) पिता कृष्ण गछवाल, तुकाराम (53) पिता रतन सिंह, राकेश कुमार (40) पिता शिवचरण, राम प्रसाद (48) पिता जयराम, सुइसा (39) पिता रामचंद्र, शिव कुमार (66) पिता केजव और राजू (39) पिता सरभरी ने एक अप्रैल 2018 को देर रात सरोना रेंज के डवरखार के जंगल में जंगली लकड़ी को काटकर दो बैलगाड़ी में लोड कर रहे थे।
वन विभाग की कर्मचारी कु. सरस्वती नेताम और युगल किशोर ने लकड़ी तस्करी करने वाले इन आरोपियों को पकड़ लिया तो बौखलाकर आरोपियों ने जंगल में वनकर्मचारियों के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। वन विभाग के कर्मचारियों ने दुधावा चौकी में सभी के खिलाफ अपराध दर्ज करा दिया। अपराध दर्ज होने पर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया और इस प्रकरण को जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ के कोर्ट में पस्तुत कर दिया।
कोर्ट ने वन विभाग के कर्मचारियों के कथन और 12 लोगों के बयान के आधार पर सातों आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने धारा 147, 183, 353, 395, 294 एवं 509 बी के तहत अलग-अलग धाराओं में सभी दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाया है।