कांकेर

177 लाख के बजट से एनीकट का कराया गया था निर्माण, बह जाने से अनियमितता की खुली पोल

चार साल पहले 177.34 लाख के बजट से 202 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए हटकुल नदी के ग्राम मोहपुर में बना गुणवत्ताहीन एनीकट बह गया है।

कांकेरSep 10, 2018 / 04:08 pm

Deepak Sahu

177 लाख के बजट से एनीकट का कराया गया था निर्माण, बह जाने से अनियमितता की खुली पोल

कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मात्र चार साल पहले 177.34 लाख के बजट से 202 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए हटकुल नदी के ग्राम मोहपुर में बना गुणवत्ताहीन एनीकट बह गया है। शासन ने इस एनीकट और नहर निर्माण के लिए 351.69 लाख का बजट स्वीकृति किया था। चार साल में ही पौने दो करोड़ के बजट से बना आधा एनीकट बह गया है। नहर निर्माण तो अधर में लटका है जबकि इस एनीकट के जद में आने वाले पांच किसानों की जमीन अधिग्रहण के चार साल बाद भी विभाग ने मुआवजा नहीं दिया।
जिला मुख्यालय से चंद किमी दूर ग्राम सिंगारभांट और मोहपुर गांव के बीच हटकुल नदी पर एनीकट एवं नहर निर्माण के लिए शासन ने करोड़ों का बजट चार साल पहले स्वीकृत हुआ था। इस एनीकट से बेवरती एवं मोहपुर में 202 हेक्टेयर (505 एकड़) में सिंचाई होने का लक्ष्य रखा गया था। सिंचाई विभाग के अफसरों ने किसानों के बिना अनुमति दफ्तर से ही नहर का खाका खींच लिया था, जिन खेतों में पानी की आवश्यकता नहीं थी। किसानों ने विरोध किया तो आनन-फानन में 177.34 लाख के बजट से गुणवत्ताहीन एनीकट को खड़ा कर दिया गया। नहर निर्माण के नाम पर किसानों द्वारा जमीन नहीं देने का हवाला बताकर सिंचाई विभाग ने 174 लाख बजट के प्रस्ताव को बंद कर दिया है।
एनीकट निर्माण के बाद यहां पहली बार पूरा पानी भरा तो बीच से खंड-खंड हो गया। पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो ग्रामीणों ने बताया कि इस एनीकट को बनने के लिए नदी में बुनियाद तक नहीं खोदी गया था। नदी की रेत को हटाकर एनीकट के दोनों तरफ 10-10 मीटर का स्लैप ढाल दिया गया और बिना छड़ उपयोग किए अफसरों ने एनीकट खड़ा कर दिया। एक पखवाड़े पहले बारिश का पानी पहली बार भरा तो आधा एनीकट बह गया है। एनीकट के शेष भाग में नीचे से पानी निकल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर एनीकट की बुनियाद होती हो पानी नीचे से नहीं निकलता।
पानी के दबाव में पूरा एनीकट खंड खंड में टूट गया है। एनीकट में छड़ का प्रयोग किया गया होता तो खंड-खंड नहीं होता जो अपने आम में गुणवत्ताहीन होना प्रमाणित कर रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कमीशन खोरी में एनकीट बनाया गया था। मानक के आधार पर सिंचाई विभाग के अफसर निर्माण कराए होते तो पौने दो करोड़ के बजट से बना एनीकट पानी के दबाव में नहीं बहा होता। एनीकट बह जाना अफसरों की अनदेखी को प्रमाणित कर रहा है। एक पखवाड़े पहले पौने दो करोड़ का एनीकट बह गया और विभाग के जिम्मेदार सत्यान नहीं कराए हैं।
ईई सिंचाई विभाग के एके नाथ ने बताया हटकुल नदी पर बना डायवर्सन करीब 35-40 मीटर बह गया है। डिजाइन में कहां राड लगना था और कहां नहीं लगना था उसकी जांच के लिए अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। अभी नदी में पानी अधिक होने के कारण टूटे एनीकट की पूरी नाप नहीं हो सकी है। आखिर डावसर्जन टूटा कैसे इसके गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी।
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