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पालिका में बोर खनन में एक और फर्जीवाड़ा आया सामने, ठेकेदार ने डकार ली स्वीकृत राशि

locationकांकेरPublished: Mar 22, 2019 12:13:15 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

प्रधानमंत्री आवासीय योजना में लाखों के बजट से बोरखनन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आ रहा है।

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पालिका में बोर खनन में एक और फर्जीवाड़ा आया सामने, ठेकेदार ने डकार ली स्वीकृत राशि

कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर के शिवनगर मोहल्ले में प्रधानमंत्री आवासीय योजना में लाखों के बजट से बोरखनन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आ रहा है। पालिका प्रशासन की अनदेखी से सरकारी बोर का उपयोग ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में किया जा रहा है। जबकि बोर खनन के नाम पर स्वीकृत राशि को डकार लिया जाना बताया जा रहा है। सरकारी बोर का उपयोग ठेकेदार द्वारा करने से मोहल्ले में पानी के लिए हाहाकार मचा तो मामला उजागर हो गया।
जानकारी के अनुसार शिवनगर में पहाड़ के पास में गरीबों को आवासीय भवन देने के लिए प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कराया जा रहा है। तीन मंजिला आवासीय भवन का निर्माण एक साल से कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवासीय भवन निर्माण के लिए लाखों के बजट से निविदा भी कराया गया है।
निविदा में ठेकेदार को बोर का खनन किया जाना अनिवार्य किया गया है। किसी अन्य सरकारी बोर से पानी का उपयोग नहीं किया जाना है। ठेकेदार ने पालिका प्रशासन को नियम कानून का ठेंगा दिखाते हुए मोहल्ले के लोगों की हलक तर करने के लिए खोद गए बोर का उपयोग भवन बनाने में कर रहा है। जबकि मोहल्ले के लोगों को इसकी जानकारी निर्माण कार्य प्रारंभ होते समय ही करा दिया गया था।
मोहल्ले के लोगों ने ठेकेदार को बोर से पानी लेने के लिए मना किया तो पालिका प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की पहल नहीं किया गया। एक साल से ठेकेदार ने पालिका बोरपम्प के लिए आ रही बिजली और खुलेआम पम्प का उपयोग कर तीन मंजिला भवन तैयार कर दिया है। पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो मामला उजागर होने के बाद पालिका प्रशासन हरकत में आ गया, आनन फानन में सीएमओ ने ठेकेदार को नोटिस पकड़ा दिया और बोर का कनेक्शन काट दिया गया।
पालिका ने प्रधानमंत्री आवास के लिए स्टीमेट को कराया था तैयार
पालिका प्रशासन ने ही प्रधानमंत्री आवास का स्टीमेट तैयार कराया था। सब इंजीनियर ने निर्माण कार्य में बोर कराया जाना अनिवार्य किया था। बोर की राशि अलग से स्वीकृत किया गया था। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि जब पालिका की मॉनिटरिंग में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कराया जा रहा था तो सब इंजीनियर और सीएमओ ने जांच क्यों नहीं की।
कहीं न कहीं पालिका के अफसरों की मिलीभगत से एक साल से ठेकेदार को मुफ्त में पालिका प्रशासन ने सरकारी बोर का उपयोग करने के लिए छुट दे दी थी। इस मौसम में पानी की किल्लत बढ़ी तो मोहल्ले के लोगों ने हो हल्ला मचाया तो मामला उजागर हो गया है। पालिका प्रशासन अपनी गलती को छुपाने के लिए नोटिस भेजकर खानापूर्ति कर रहा है।

मोहल्ले के लोगों ने कहा-हो रही मनमानी
शिवनगर वार्ड निवासी मीना नाग, रेशमा प्रवीण, मीरा तारम ने कहा कि ६ माह से पानी की किल्लत मोहल्ले में बनी हुई है। अभी यह हाल तो आगे क्या होगा। नगर पालिका के निर्माणाधीन आवास योजना से हमें पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है। बुधिया उइके ने कहा कि हमारा घर थोड़ा ऊपर में होने के कारण पानी नहीं मिल रहा है।

नगर पालिका ध्यान नहीं दे रही है। रेखा जैन, मुन्नी बाई और डीआर भगत ने कहा कि पानी की समस्या अभी से नहीं जब से पालिका की आवास योजना यहां पर बन रही है तब से घरों मे पानी की किल्लत हो रही है। वहीं पर ठेकेदारों द्वारा उस बोर से आवास योजना का निर्माण कराया जा रहा है।

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