रात करीब 8 बजे जंगलवार परिसर में हाथी पोस्ट के पास सभी जवान मेस के पास खाना खा रहे थे। प्रशिक्षण में आए शहाबुद्दीन आलम (35) पुत्र सफिक मोहम्मद निवासी दल्लीराजहरा बालौद खाना खाकर नल पर थाली धोने के लिए गया। थाली में थोड़ा सा खाना बचा था। नल के पास खाना डाल रहा था तभी झाड़ी से एक भालू निकला और शहाबुद्दीन पर हमला बोल दिया। जब तक जवान कुछ समझ पाता तब तक भालू उसके पैर को अपने जबड़े में दबोच लिया।
भालू का हमला देख अन्य साथी भाग खड़े हुए। शहाबुद्दीन के हाथ में फाइवर की थाली थी, उसी से भालू के नाक पर वार करने लगा तब छोड़कर झाड़ी की तरफ भाग गया। भालू के हमले से घायल जवान किसी तरह से कैंप पहुंचा और साथियों ने आनन-फानन में ब्रिगेडियर को सूचना दी। साथियों ने घायल जवान को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती करा दिए। भालू के हमले में घायल जवान ने पत्रिका को बताया कि वह जबड़े में मेरा पैर पकड़ नीचे की तरह खींच रहा था। ऐसा लग रहा था कि अब जान बचने वाली नहीं है। उसी क्षण याद आया कि नाक पर हमला करने से भालू छोड़ देता है और मैने फाइव की थाली से नाक पर तीन बार मारा। तब भालू पैर छोड़कर झाड़ी की तरफ भाग गया। भालू के हमले से बचाने साथी नहीं आए।
16 से अधिक भालू होने से बढ़ी यहां आफत
जंगलवार में 16 से अधिक भालुओं के होने का वन विभाग ने दावा किया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जंगलवार की स्वीकृति के बाद पिंजरा भालू पकडऩे के लिए लगाया गया था। यहां 16 से अधिक भालू हैं। भालुओं को पर्याप्त भोजन मिल जाने के कारण पिंजरे में नहीं आ रहे हैं फिर लगाया जाएगा।
जंगलवार में 16 से अधिक भालुओं के होने का वन विभाग ने दावा किया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जंगलवार की स्वीकृति के बाद पिंजरा भालू पकडऩे के लिए लगाया गया था। यहां 16 से अधिक भालू हैं। भालुओं को पर्याप्त भोजन मिल जाने के कारण पिंजरे में नहीं आ रहे हैं फिर लगाया जाएगा।
दो जवानों को भालुओं ने किया जख्मी
जंगलवार कॉलेज में प्रशिक्षण के लिए आए जवान भोजराज पर एक सप्ताह पहले भालू ने जानलेवा हमला कर दिया था और कॉलेज का गेट तोड़ दिया था। मेस में जमकर उत्पात मचाए था। जंगलवार प्रशासन ने इसकी सूचना वन विभाग के आलाधिकारियों को दी फिर भी एक भालू को अभी तक नहीं पकड़ा गया। बुधवार की रात शहाबुद्दीन पर भालू ने हमला बोल दिया। किसी तरह से थाली से वार कर जवान अपनी जान बचा ली।
जंगलवार कॉलेज में प्रशिक्षण के लिए आए जवान भोजराज पर एक सप्ताह पहले भालू ने जानलेवा हमला कर दिया था और कॉलेज का गेट तोड़ दिया था। मेस में जमकर उत्पात मचाए था। जंगलवार प्रशासन ने इसकी सूचना वन विभाग के आलाधिकारियों को दी फिर भी एक भालू को अभी तक नहीं पकड़ा गया। बुधवार की रात शहाबुद्दीन पर भालू ने हमला बोल दिया। किसी तरह से थाली से वार कर जवान अपनी जान बचा ली।
लगाए रखे थे पिंजरा फिर भी नहीं फंसे भालू
जंगलवार में एक सप्ताह पहले भालू के हमले से एक जवान के घायल होने की सूचना पर वन विभाग के आलाधिकारियों ने पिंजरा लगाया था। भालू पिंजरे में रखे आहार खा कर निकल गए, पर एक भी नहीं फंसे तो तीन दिनों बाद वन विभाग की टीम ने पिंजरा भी हटा लिया और भालू फिर एक जवान पर हमला किया है।
जंगलवार में एक सप्ताह पहले भालू के हमले से एक जवान के घायल होने की सूचना पर वन विभाग के आलाधिकारियों ने पिंजरा लगाया था। भालू पिंजरे में रखे आहार खा कर निकल गए, पर एक भी नहीं फंसे तो तीन दिनों बाद वन विभाग की टीम ने पिंजरा भी हटा लिया और भालू फिर एक जवान पर हमला किया है।
वन विभाग की ओर से दो-तीन दिन तक जंलगवार में दो पिंजरा लगाया गया था। ङ्क्षपजरे में एक भी भालू नहीं फंसे तो पिंजरा उठा लाए हैं। जंगलवार की तरफ से अनुमति मिलेगी तो पुन: पिंजरा लगाया जाएगा। घायल जवानों को आर्थिक तौर पर मदद किया गया है।
एमएस रामटेके , रेंजर प्रभारी कांकेर
एमएस रामटेके , रेंजर प्रभारी कांकेर
देखिए, जहां तक मेरा मानना है कि जंगलवार में भालुओं की संख्या अधिक हो गई है। इस कारण जवानों पर हमला कर रहे हैं। वन विभाग ने पिंजरा लगाया पर एक भी भालू नहीं फंसे। वन विभाग की नैतिक जिम्मेदारी है कि यहां से भालुओं को पकड़कर बाहर करे। मैं, तो पांच साल से वन विभाग को पत्र लिखित कर सीसी कैमरा लगाने की मांग कर रहा हूं।
बीके पनवार, बिग्रेडियर
बीके पनवार, बिग्रेडियर