वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कुम्हानखार के आश्रित गांव सारंडा की पहाड़ी पर भालू के बच्चे जैसी रोने की आवाज तीन दिनों से ग्रामीणों को सुनाई दे रही थी। भालू की आवाज सुनकर उत्सुकता में मंगलवार को सारंडा निवासी श्रवण कुमार सरोज (35) पिता भगवान सिंह, रोशन नेताम (30) पिता रामजी और राजकिशोर यादव पहाड़ पर पर पहुंच गए। पहाड पर भालू की तलाश कर रहे थे तभी एक भालू ने पीछे से श्रवण पर हमला बोल दिया तो बचाव के लिए साथी रोशन नेताम ने भालू पर पत्थर मारा तो उस पर भी टूट पड़ा, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
बचाव के लिए राजकिशोर यादव पिता उदय यादव आगे बढ़े तो भालू ने दौड़ाकर उन्हीं भी घायल कर दिया। भालू के आक्रामक होने पर तीनों युवकों के साथ पहाड़ पर गए फायर वाचर दुबेश कश्यप मौके से भागकर सारंडा गांव पहुंच गया और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। गांव में बारात आयी थी पहाड़ पर भालू के हमला की सूचना पर २०-२५ की संख्या में ग्रामीण लाठी डंडा लेकर पहुंच गए। पहाड़ पर लोगों को देखकर भालू आक्रामक हो गया और हमला बोल दिया।
भालू के हमला में बारिती रतन (55) पिता विष्णु भी जख्मी हो गया। भालू के आक्रमक होने पर मौके से सभी ग्रामीण भाग खड़े हुए। फॉरेस्टर ने इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी। मौके पर वन विभाग का अमला पहुंचा तो पहाड़ पर रोशन नेताम का शव मिला। भालू के हमले में घायल राजकिशोर और रतन को अस्पताल में भर्ती करा दिया। कुछ देर बाद जब श्रवण कुमार नहीं मिला तो वन विभाग के कर्मचारी पहाड़ पर पुन: तलाश के लिए पहुंच गए, जहां छत-विछत शव मिला। एक शव का पीएम कराकर परिजनों को वन विभाग की ओर से सौंप दिया गया।