छत्तीसगढ़ में एक बार फिर माओवादियों ने छिपकर जवानों पर हमला कर दिया। इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए।
कांकेर. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर माओवादियों ने छिपकर जवानों पर हमला कर दिया। रावघाट थाना क्षेत्र में किलेनार के जंगल में माओवादियों के द्वारा किये गए आईडी ब्लास्ट व फायरिंग में जिले को अपने दो वीर सपूत और खोना पड़ा। शहीद हुए जवानों को पुलिस विभाग के पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर दी गई। जिसके बाद दोनों शहीदों के शव को उनके गृह ग्राम रवाना कर दिया गया।
किलेनार के जंगलों में माओवादियों के काफी संख्या में मौजूद होने की खबर पर बीएसएफ और जिला पुलिस के जवान सर्चिंग पर रवाना हुए थे। उसी दौरान किलेनार के जंगल में घात लगाए बैठे माओवादियों ने पहले तो पांच आईडी बारी-बारी से ब्लास्ट किया फिर उसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इससे पहले कि जवान मोर्चा संभाल पाते, जवानों को लीड कर रहे असिस्टेंट कमांडर गजेंद्र सिंह और आरक्षक अमरेश कुमार को गोली लगी और वो मौके पर ही शहीद हो गए।
अपने साथियों को गोली लगने के बाद बीएसएफ व पुलिस के जवानों ने माओवादियोंं को मुंहतोड़ जवाब दिया और लगभग 2 घंटे तक चली गोलीबारी के बाद माओवादी पीछे हटने पर मजबूर हो गए। पुलिस बल को भारी पड़ता देखकर माओवादी जंगल का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए। जवानों ने अपने साथियों के पार्थिव शरीर को कैम्प तक पहुंचाया।
शहीद जवानों के पार्थिव शरीर जिला मुख्यालय पुलिस लाइन लाया गया, जहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने छतीसगढ़ पुलिस के डीजीपी ए एन उपाध्याय, बीएसएफ के आईजी जे एस सांगवान, बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा, डीआईजी कांकेर रेंज रतन लाल डांगी,पुलिस अधीक्षक कांकेर के एल धु्रव समेत बीएसएफ और पुलिस के आला अधिकारी शामिल हुए।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे जनप्रतिनिधि
फायरिंग में हुए जवानों के शहीद होने की खबर मिलते ही क्षेत्र के विधायक शंकर धु्रवा, मस्त्य बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, तरेन्द्र भंडारी, रमा शंकर दर्रो, अजय पप्पू मोटवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस घटना को सभी ने कायरना हरकत कहा।
इधर, श्रद्धांजलि देते समय कुछ अधिकारी व जवानों की आंखें नम हो गई, तो शहीद के सहयोगी अपने आंसू नहीं रोक पाए। पुलिस जवानों ने विधि पूर्वक गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी। पार्थिव शरीर आने की खबर मिलते ही जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों सहित पुलिस जवान की टीम रक्षित निरीक्षक केन्द्र पहुंचे थे।