जानकारी के अनुसार ग्राम सुरेली निवासी सुक्कू नरेटी (57) पिता पील साय शनिवार की रात अपने परिवार के सदस्यों के साथ खाना कर सो रहे थी कि रात करीब 10 बजे केसोकोड़ी एरिया कमेटी के करीब 30 माओवादी उसके घर पहुंचे, उसे घर से उठाकर गांव के बाहर ले गए। कोटवार के परिजन माओवादियों से मिन्नतें कर रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी। घर से बाहर दो पारा के बीच में बैठक आयोजित किए, जहां सुखू पर मुखबिरी का आरोप लगाया गया और गद्दारी करने की बात कही गई।
इसके बाद उसका रस्सी से गला घोटकर हत्या कर दी गई, लाश को उसी स्थान पर छोड़ कर जंंगल की ओर माओवादी चले गए। इधर ग्राम प्रमुखों की सूचना पर पुलिस की टीम रविवार की सुबह घटना स्थल पहुंची, जहां शव का पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सांैपा दिया। इधर इस घटना के बाद मृतक के परिजन के साथ गांव में दहशत का महौल बना है।
यह बता दें कि पंखाजूर थाना क्षेत्र के बारदा निवासी कालु दुग्गा (32) 11 सितंबर शाम को सामान खरीदने गांव के बाजार गया था, जहां भीड़ का फायदा उठाते माओवादी ने उसका गला रेत कर हत्या कर दी। माओवादियों ने मृतक पर मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या करने की बात कही थी। इसी तरह आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के बेलोदी गांव सगऊ राम सोरी को माओवादियों ने 7 अप्रैल को हत्या कर दी थी।
17 अपै्रल को छिंदभाट के जंगल गंगाराम की और 20 अप्रैल को छिंदपाल में एक और ग्रामीण की माओवादियों ने जन अदालत में हत्या कर दी थी। 26 अप्रैल को दुर्गापुर निवासी सेवाराम हिचामी की लाठी से पीट-पीटकर माओवादी ने मार डाले थे। पुलिस टीम ने किसकोड़ों एरिया कमेटी के कमांडर सोनू लखमू कवी, मानू दुग्गा, जग्गू गोटा, दरबारी कोमरा, अखिलेश कुर्रा, मीका, श्याम वट्टी एवं 35 शस्त्रधारी माओवादी पर मामला दर्ज किया गया है।
शव के पास लगाए थे बैनर-पोस्टर
शनिवार की रात कोटवार का हत्या कर उसके पास माओवादियों ने बेनर लगाया है, बैनर किसकोड़ों एरिया कमेटी द्वारा जारी किया गया है, जिसमें ग्राम सुरेली के सुक्कू नुरेटी पर 2015 से जन विरोधी व पुलिस मुखबिरी काम करने, गांव में दल आने से फोन व साइकिल से अन्तागढ़ थाना जाकर रिपोर्ट देने की बात कही गई है। गांव में लोगों पर दबाव भी बनाने काम करता था। मृतक को एक बार चेतवानी देने के बाद भी अपनी गलती करता रहा, इसलिए जनता के राय से यह कार्रवाई किया लिखा है