scriptसर्चिंग के दौरान पुलिस से छूट गया बम तो खिलौना समझकर बच्चे ले आए घर, अचानक हो गया जोरदार धमाका फिर… | Child death by bomb blast in Kanker Chhattisgarh | Patrika News

सर्चिंग के दौरान पुलिस से छूट गया बम तो खिलौना समझकर बच्चे ले आए घर, अचानक हो गया जोरदार धमाका फिर…

locationकांकेरPublished: Mar 24, 2020 12:00:17 pm

Submitted by:

Bhawna Chaudhary

सर्चिंग के दौरान लौटते समय गांव में पुलिस से दो इंच का मोर्टार छूटा जिसे बच्चे खिलौना समझकर खेल रहे थे तभी घर में विस्फोट हो गया जिससे एक मासूम बच्ची की मौत हो गई। इस मामले को छुपाए जाने का आरोप नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal) ने अपने विज्ञप्ति में लगाया है।

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सर्चिंग के दौरान पुलिस से छूट गया बम तो खिलौना समझकर बच्चे ले आए घर, अचानक हो गया जोरदार धमाका फिर…

कांकेर/पखांजूर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में दो इंच मोर्टार (बम) से एक मासूम बच्ची की मौत हो गई साथ ही पिता समेत तीन लोग घायल हो गए। वहीं बच्ची का बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार भी करा दिया गया। वहीं जीवन और मौत के बीच जूझ रहे दो बच्चों के साथ पिता को रायपुर इलाज के रेफर कर दिया गया है। यह खुलासा नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal) की ओर से जारी एक पत्र के बाद हुआ है।

जानकारी के अनुसार 19 जून को नक्सलियों की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। नक्सलियों ने पत्र में हवाला दिया कि ग्राम पंचायत मांडागांव के आश्रित गांव रामपुर में दशरथ एनडी के बच्चे 9-10 जून को घर से बाहर खेल रहे थे। बच्चों को आम पेड़ के नीचे खिलौने जैसा सामान दिखा तो उठाकर घर ले गए। तीन बच्चे अपने घर में खिलौने जैसा सामान (बम) से 11 जून को खेल रहे थे, तभी जोरदार धमाका हुआ और इस घटना में दशरथ की बेटी शुगर बत्ती (12) के चिथड़े उड़ गए और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि इस विस्फोट में सुनीता हुपेंडी (4) उसके पिता दशरथ (36) और 8 साल का हीरालाल गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में पूरे परिवार में कोहराम मच गया। बम के धमाका से पूरा गांव थर्रा गया था।

घायलों को प्राथमिक अस्पताल तक नहीं पहुंचाया गया लेकिन तबियत ज्यादा खराब होने लगी तब एंबुलेंस बुलाकर घायलों को सिविल अस्पताल पखांजूर पहुंचाया गया। घायल दशरथ ने पुलिस को बताया था कि विस्फोट में खुद और दो बच्चे घायल हो गए हैं। तीनों को बेहतर उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल कांकेर और बाद में रायपुर के लिए रेफर कर दिया गया है। तीनों का इलाज रायपुर में हो रहा है। बम की चपेट में आने से 12 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। जिसे 11 जून को पखांजूर सिविल अस्पताल में छुपा लिया गया। अस्पताल में बालिका का पोस्टमार्टम भी नहीं कराए जाने का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा कि बिना पीएम ही बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

यह खुलासा तब हुआ जब अखबारों में तीन लोगों के घायल होने की खबर प्रकाशित हुई इसके बाद नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal)ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को गांव में जाकर मामले को उजागर करने की जानकारी दी। मीडिया गांव पहुंची तो बम बिस्फोट से क्षत्रिग्रस्त घर दिखा। दीवार का कुछ भाग धमाका से उड़ गया है। पीडि़त परिवार में कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। पूरा परिवार डरा और सहमा हुआ है। नक्सलियों ने अपने पत्र में लिखा है कि रामपुर की घटना हमारे उपर थोपा जा रहा है। जबकि 11 जून से एक-दो दिन पहले सर्चिंग अभियान से लौटते समय पुलिस पेड़ के नीचे दो इंच मोर्टार बम एक शेल भूल गए थे। खेलते समय 11 जून को धमाका हुआ और एक बच्ची की मौत हो गई।

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