इन 138 स्कूलों में बच्चों के साथ कभी भी हो सकती है अनहोनी , जानिए क्या है वजह
138 स्कूलों में मौत झांक रही है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल (Government School) भवन कंडम होने के बाद भी निर्माण एजेंसियां नवीन भवनों का निर्माण नहीं करा रही हैं। दो विभागों के बीच भवन निर्माण की प्रक्रिया अधर में लटकने से गरीबों के मासूम बच्चों की जान खतरे में है।

पखांजूर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के 138 स्कूलों में मौत झांक रही है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल (Government School) भवन कंडम होने के बाद भी निर्माण एजेंसियां नवीन भवनों का निर्माण नहीं करा रही हैं। दो विभागों के बीच भवन निर्माण की प्रक्रिया अधर में लटकने से गरीबों के मासूम बच्चों की जान खतरे में है। शिक्षा विभाग (Education Department ) के आलाधिकारी तो जर्जर भवन से बेहखर हैं। वहीं बतौर निर्माण एजेंसियां करोड़ों के बजट से सिर्फ ब्याज बटोर रही हैं।
सरकारी स्कूलों की दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है। छतों में लगी लोहे की सरिया जंग से क्षतिग्रस्त हो चुकी है । मरम्मत के अभाव में दिन पर दिन स्कूल भवनों की हालत खराब होती जा रही है। बारिश का पानी भी शाला भवन में टपक रहा है। कंडल स्कूलों की छत कब जमीन पकड़ लेंगी कुछ कहा नहीं जा सकता है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को भी भवन खराब होने की जानकारी दी जा चुकी है। पर निर्माण एजेंसी जनपद पंचायत होने के कारण निर्माण कार्य अधर में लटका है। बारिश के इस मौसम में स्कूल की दीवारों से सीलन आ रही है। ऐसे में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना है। केंद्र सरकार स्लोगन दे रही कि पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया। आखिर इन कंडम स्कूलों में जान जोखिम में डालकर छोटे-छोटे बच्चे अपना भविष्य कैसे गढ़ेंगे।
शिक्षा विभाग की व्यवस्था लचर बनी है। खराब स्कूल भवन ही शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। शिक्षा विभाग के उच्चधिकारी भले ही खराब स्कूलों को ठीक कराने के लिए जनपदों की तरफ फाइल बढ़ा दिए हों पर ग्राम पंचायतों तक पहुंचते-पहुंचते स्कूलों की फाइल आलमारियों में कैद हो गई हैं। आए दिन छत से प्लास्ट टूटकर गिरने से बच्चे जख्मी हो रहे हैं।
शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते सरकारी स्कूलों में दिन पर दिन बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। वैसे भाजपा सरकार के समय शालाओं की खराब हालत को लेकर कांग्रेसी मुखर रहते थे। सत्ता बदली तो कांग्रेसी भी अब जनहित के मुद्दों पर चुप्पी साध लिए है । कोयलीबेड़ा बीईओ केके यादव ने कहा कि सभी जर्जर भवन की सूची उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
अब पाइए अपने शहर ( Kanker News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज