शासकीय अधिवक्त सौरभ मणि मिश्रा ने बताया कि 21 नवंबर 2018 को मासूम बच्ची अपने घर में खेल रही थी। पिता मजदूरी करने के लिए बाहर गया था और मां पास के बोर पर कपड़ा धो रही थी। उसी बीच पड़ोस में रहने वाला युवक राम नेताम (24) पिता सियाराम नेताम घर में घुस गया। ग्राम साल्हेटोला बाजार के बहाने मासूम का हाथ पकडक़र बाहर आया। उसी समय उसकी मां घर पर आ गई तो उससे पूछा कहां ले जा रहे हो। आरोपी ने शक्कर और मिट्टी तेल लेने जा रहा हूं, साथ में बच्ची को ले जा रहा हूं कहकर ले गया । मां ने युवक पर भरोसा कर उसके साथ जाने के लिए कह दिया।
करीब एक घंटा बाद युवक मासूम को घर में लाकर छोड़ दिया तो वह सो गई। रात में मां जब बेटी को खाना खाने के लिए उठाने गई तो बेटी दर्द से कराह रही थी। मां को अनहोनी होने की आशंका हुई। पूछने पर मासूम ने मां को बताया कि आरोपी मुझे अपने घर में ले गया और मेरे साथ जबरदस्ती करते हुए दुष्कर्म करने लगा, जब मैं दर्द से रोने लगी तो मेरे मुंह को हाथ से बंद कर दिया और जान से मारने के लिए बोल रहा था। उसके बाद थोड़ी देर बात नर्सरी में ले गया और मेरे साथ दोबारा दुष्कर्म करने के बाद घर पर छोड़ दिया।
परिजनों ने 22 नंवबर को दुधावा चौकी में रिपोर्ट लिखाई जिसके बाद उसी दिन दोपहर के तीन बजे आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। प्रकरण की पैरवी सौरभ मणि मिश्रा द्वारा किया गया। आरोपी को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए न्यायाधीश प्रशांत शिवहरे ने पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को धारा 376 (2)(ढ)के तहत 50 हजार का अर्थदंड और आजीवन कारावास, धारा 376 ए बी में 50 हजार का अर्थदंड और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं पटाने की स्थिति में एक-एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
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