पुलिस टीम ने संदेह होने पर 6 मार्च को आरोपी मदनलाल को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपी ने दुष्कर्म के बाद हत्या करना स्वीकार कर लिया। आरोपी के निशानदेही पर 7 मार्च 2015 को बच्ची का शव प्रा.शाला के पीछे खेत से पुलिस ने बरामद कर लिया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302, 363 व 376 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को न्यायालय में पेश किया।
उक्त मामले में अतिरिक्त विशेष सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार टामक ने अभियोजन साक्षियों के बयान और साक्ष्य के आधार पर आरोपी मदनलाल को दोषी पाते हुए धारा 302 में फांसी, धारा 363 में सात वर्ष, धारा 376 दो झ में आजीवन कारावास की सजा सुनाया है।