बुधवार से सडक़ पर पानी नहीं डाले जाने से धूल का गुब्बार लोगों के घरों में पट रहा है। धूल के चलते ग्रामीणों को भोजन करना कठिन हो गया है। घर के अंदर रखे साफ कपड़े भी खराब हो रहे हैं। रात के समय ग्रामीणों की नींद गई है। खांसी की बीमारी के चपेट में पूरा गांव आ रहा है। ग्राम टेमरुपानी निवासी दुलारी बाई भट्टीपारा ने बताया कि धूल के चलते तो भोजन करना कठिन है। पानी में धूल जम रही है। सांस लेने में परेशानी हो रही है। शासन प्रशासन से फरियाद कर थक चुके हैं। बिनेश्वरी जैन ने कहा कि माइंस में चलने वाले ट्रकों की धूल से स्वास्थ्य खराब हो रहा है। दमा के मरीजों की संख्या गांव में बढ़ती ही जा रही है। हिरन जैन ने कहा कि अब तो गांव से पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अफसरों से आवेदन और निवेदन कर हम ग्रामीण थक चुके हैं। किसी प्रकार गरीबों के बारे में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दलसुराम राम उयके ने कहा कि धूल के कारण पूरे परिवार के लोग बीमार हैं। सुरेश कुमार मंडावी ने कहा कि अफसरों से फरियाद करने के बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। स्कूल जा रहीं छात्राओं को तमाम तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है। क्षेत्र के विधायक भी परेशानी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अंतागढ़ विधायक, अनुप नाग ने बताया इस संबंध में हमने पहले ही माइंस प्रबंधक को बता दिया था कि सडक़ पर पानी नियमित डाला जाए। किसी प्रकार की ग्रामीणों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। अगर धूल से टेमरुपानी के लोग परेशान हो रहे हैं तो मैं माइंस प्रबंधक से बात करता हूं। धूल को रोकने के लिए तो माइंस प्रबंधक को बंदोबस्त करना पड़ेगा।