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बिना पानी के बर्बाद हो गई इन किसानों की फसलें, फिर भी नहीं मिला बीमा का लाभ

locationकांकेरPublished: Aug 01, 2018 04:31:46 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

छत्तीसगढ़ में तीन माह से फसल बीमा के लिए कभी लैम्पस तो कभी कृषि विभाग की दौड़ लगाने के बाद किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे।

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बिना पानी के बर्बाद हो गई इन किसानों की फसलें, फिर भी नहीं मिला बीमा का लाभ

कांकेर. छत्तीसगढ़ में तीन माह से फसल बीमा के लिए कभी लैम्पस तो कभी कृषि विभाग की दौड़ लगाने के बाद किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि उनका नाम फसल बीमा सूची में नहीं है, जबकि धान की फसल पानी के अभाव में मर चुकी थी। प्रदेश सरकार ने सभी क्षेत्र को सूखा प्रभावित घोषित किया था तो ऐसे में मालगांव के किसानों को अनुदान राशि क्यों नहीं दी जा रही है। कृषि विभाग के अफसर दलील दे रहे है कि 54 करोड़ फसल बीमा के लिए मिला था तो मालगांव को क्यों नहीं दिए।

दरअसल फसल बीमा के लिए सरपंच राधाबाई, उपसरपंच बलराम के साथ सैकड़ों किसान कलक्टोरेट पहुंचे थे। पीडि़त किसानों ने बताया कि खेती के लिए ऋण लेते समय सभी के बैंक खाता से प्रीमियम की राशि प्रशासन ने काट लिया था। ग्रामीणोंं ने कहा कि प्रीमियम की कटौती करते समय फसल नुकसान होने पर सिंचित भूमि पर 35 हजार प्रति हेक्टेयर और असिंचित भूमि पर 32 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर देने आश्वासन दिया था।

24 हजार किसानों को 54 करोड़ फसल बीमा

कृषि विभाग एवं फसल बीमा कम्पनी के दस्तावेज पर नजर डालें तो अब तक 28 हजार किसानों को 54 करोड़ फसल बीमा की राशि का वितरण किया जा चुका है। 75 लाख रुपए शेष बताया जा रहा है।वहीं किसानों ने इस फसल बीमा पर सवाल खड़ा कर दिया है। किसानों ने कहा कि पीढ़ापाल लैम्पस के किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिला तो इतनी अधिक राशि किसके खाता में डाल दी और किसे वितरण किया गया। कृषि विभाग के अधिकारी गोलमोल जानकारी दे रहे हैं।

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