मदद के लिए सहेलियों को बुलाया
अधीक्षिका को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवा उपलब्ध कराकर वापस आश्रम भेज दिया था। बालिका रात में सहेलियों के साथ सोने चली गई और आश्रम अधीक्षिका अपने कमरे में चली गई। आधीरात को बालिका को दस्त शुरू हो गई और वह अपने सहेलियों की मदद के लिए बोली तो रात में करीब तीन बार साथ दिया।
हाथ पैर अकडऩे लगा और..
सुबह करीब 5 बजे फिर से दस्त होने लगी और आने के बाद उसका हाथ पैर अकडऩे लगा, उसका शरीर ठंडा पडऩे लगा। किसी के साथ कोई बातचीत नहीं कर रही थी, तो कमरे में रहने वाली अन्य छात्राओं ने अधीक्षिका को जानकारी दी। अधीक्षिका ने देखा तो उसके हाथ पैर ठंडे हो गए थे। सुबह 7 बजे 108 को फोन कर बालिका को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि छात्रा को पिछले कुछ दिनों से बुखार और दस्त की शिकायत थी।
मौत से मचा हड़कंप
परिजनों को बालिका की मृत्यु की सूचना दी गई। छात्रावास में हुए छात्रा की मौत की सूचना से आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया। तत्काल तहसीलदार, बीईओ व अन्य आला अधिकारी अस्पताल व आश्रम पहुंचे, डॉक्टर की एक टीम तत्काल आश्रम बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंची। जहां 73 बच्चों में से 68 बच्चे ही आश्रम मे उपस्थित थे। जिसमें से 6 बच्चों भुनेश्वरी कार्राम, सरोज तारम, मानेश्वरी, तनुजा, नीलिमा, निधि केा बुखार होने के लक्षण पर तत्काल चारामा अस्पताल मे भर्ती किया गया। वहीं दूसरी ओर मृतिका वासिका के परिजन के चारामा पहुंचे तब बालिका का पोस्टमार्डम कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया।