यहां लौह अयस्क खदान संचालित हो रहे है। यदि नियम शर्तों को देखा जाए तो कोई भी कम्पनी पूर्णत: नियम शर्तो का पालन नहीं करती है। माइंस क्षेत्र का सम्पूर्ण नियम शर्तों को पूरा कराने का दायित्व खनिज व वन विभाग का है, लेकिन दोनों विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए इधर-उधर टाल मटोल करते नजर आते हैं।
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ज्ञात हो कि शिकायतकर्ता राजेश रंगारी भानुप्रतापपुर द्वारा 22 दिसम्बर 2021 को मुख्य वन संरक्षक वनवृत्त कांकेर एवं डीएफओ पूर्व वनमंडल भानुप्रतापपुर को कच्चे आरी डोंगरी गोदावरी पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड रायपुर द्वारा उत्खनन क्षेत्र में कई खामियां को लेकर 11 बिंदुओं पर लिखित शिकायत कर जांच व उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। लेकिन आज एक साल से अधिक समय हो जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं किया जा सका है।
किसी ने नहीं उठाई कार्यवाही करने की जहमत
शिकायतकर्ता ने बताया कि एक साल के दरम्यान स्थल निरीक्षण व कार्यवाही को लेकर मुख्य वन संरक्षक वन वृत कांकेर से कई बार मुलाकात किया गया। इस संबंध में डीएफओ पूर्व वनमंडल भानुप्रतापपुर से भी लगातार मुलाकात किया गया लेकिन वे निरीक्षण के लिए एसडीओ को पत्राचार करते रहे। वहीं अब तक तीन एसडीओ का तबादला हो गया लेकिन किसी ने भी निरीक्षण व कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई है। वन विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर 14 महीनों से सिर्फ टालमटोल कर रहे हैं।
11 बिंदुओं पर जांच प्रतिवेदन देने कहा गया था
शिकायत के आधार पर जांच के लिए पिछले माह पूर्व वन मंडला अधिकारी जधाव श्रीकृष्ण द्वारा एसडीओ आईपी गेन्द्रे को पत्रचार कर फरवरी माह के प्रथम सप्ताह के अंदर 11 बिंदुओं पर निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन तैयार कर उच्च अधिकारियों को अवगत कराने को कहा था लेकिन फरवरी माह खत्म होने को आ गया है। एक माह बाद भी एसडीओ को जांच करने के लिए समय नहीं मिल पाया है।