इस संबंध में पत्रिका ने पड़ताल किया तो पाया कि जिस शराब का मूल्य 120 रुपए है उसे कर्मचारियों द्वारा बिना बिल के 130 रुपए में बेचा जा रहा है। 140 रुपए वाली शराब को 150 रुपए में बेचा जा रहा है। 70 रुपए वाली शराब को 80 में बेचा जा रहा है। ग्राहकों से निर्धारित मूल्य से अधिक दाम लिया जा रहा है। बिल की मांग करने पर दुत्तकार कर भगा देते हैं। शराब नहीं देने की बात कही जाती है। ऐसे में जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करना समझ से परे है।
बेची जा रही खुलेआम अवैध शराब:-सरकारी शराब दुकान में एक-एक ग्राहकों को शराब देने की मात्रा भी निर्धारित है, लेकिन देखा जा रहा कि एक व्यक्ति को 10-10 बोतल शराब दी जा रही है। इसके चलते अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है। सूत्रों की माने तो शराब दुकान के आसपास ही अवैध शराब खुलेआम बिक्री हो रही है। शहर के कुछ वार्डों में तो अवैध शराब की बिक्री चल रही है, लेकिन अबतक विभाग द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, इसके चलते अवैध शराब का धंधा नगर में जमकर फल-फूल रहा है। अंचल में इसी तरह से अवैध शराब की ब्रिकी इसी तरह से चल रही है।