scriptनारियल की खेती का प्रशिक्षण देने से पहले हुई पौधों की आपूर्ति, किसान बोले- सरकार बदली तो आई याद | Govt. Supplied 744 plants before starting training of coconut farming | Patrika News

नारियल की खेती का प्रशिक्षण देने से पहले हुई पौधों की आपूर्ति, किसान बोले- सरकार बदली तो आई याद

locationकांकेरPublished: Jan 23, 2019 02:57:01 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

छत्तीसगढ़ में लाखों के बजट से नारियल खेती करने की योजना नेशलन हार्डिकल्चर विभाग में तीन साल से धूल फांक रही है।

coconut farming

नारियल की खेती का प्रशिक्षण देने से पहले हुई पौधों की आपूर्ति, किसान बोले- सरकार बदली तो आई याद

कांकेर. छत्तीसगढ़ में लाखों के बजट से नारियल खेती करने की योजना नेशलन हार्डिकल्चर विभाग में तीन साल से धूल फांक रही है। चार ब्लॉक के किसानों का आवेदन तीन साल पहले जमा होने के बाद भी योजना धरातल पर नहीं पहुंची। प्रदेश में सरकार बदली तो किसानों के प्रोत्साहन योजना की फाइल दौडऩे लगी है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसानों को नारियल खेती का प्रशिक्षण देने से पहले ही 744 पौधों का स्टोर कर दिया गया है।पानी के अभाव में नारियल के पौध मर रहे हैं।

उद्यानिकी-नेशनल हार्डिकल्चर विभाग की ओर वर्ष 2016 में नारियल की खेती के लिए जिले में 8.10 हेक्टेयर में लक्ष्य रखा गया था। प्रथम चरण में चार ब्लॉक में 103 किसानों की सूची तैयार किया गया था। तीन साल से विभाग की किसान दौड़ लगाकर थक चुके हैं। प्रदेश में सत्ता बदली तो मातहतों को किसान याद आ गए। किसानों को नारियल की खेती का प्रशिक्षण देने से पहले ही एक जनवरी 2019 को सिंगरभाट रोपणी केंद्र में 774 पौधों का स्टोर करा दिया गया। यानी तीन सप्ताह से नारियल के पौधे रोपणी केंद्र में एक स्थान पर पड़े हैं।

पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो पौधों में पानी भी नहीं डाला गया है। सभी पौधे एक पर एक स्टोर कर रख दिया गया, न तो किसानों में पानी डाला गया न ही किसी प्रकार तैयारी दिखी। विभाग के आलाधिकारियों से पड़ताल करने पर किसी प्रकार का संतोष जनक जानकारी नहीं मिली। इस योजना को अब नेशनल हार्डिकल्चर की बताई जा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो