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शिक्षा विभाग को अभी तक नहीं मिले 32 अतिथि शिक्षक, अधर में लटका स्टूडेंट्स का भविष्य

locationकांकेरPublished: Oct 04, 2019 10:01:12 am

Submitted by:

Akanksha Agrawal

शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा ब्लॉक के लिए अतिथि शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।

शिक्षा विभाग को अभी तक नहीं मिले 32 अतिथि शिक्षक, अधर में लटका स्टूडेंट्स का भविष्य

शिक्षा विभाग को अभी तक नहीं मिले 32 अतिथि शिक्षक, अधर में लटका स्टूडेंट्स का भविष्य

कांकेर. शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा ब्लॉक के लिए अतिथि शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। एक माह से विद्यामितानों से अतिथि शिक्षकों के पद पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद भी अभी तक 32 पद खाली पड़े हैं। जबकि शिक्षा विभाग की ओर से तीसरी प्रतिक्षा सूची जारी की गई है, फिर भी पद नहीं भर रहे हैं।

जिले में विषयवार शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक माह पहले शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न विषयों के दो सौ पदों पर अतिथि शिक्षकों के लिए सूची जारी किया गया। इस पद पर स्थानीय विद्यामितानों को प्राथमिकता दी गई। जिसमें अंग्रेजी विषय के 20, गणित के 45, भौतिक के 50, रसायन के 20, जीव विज्ञान के 25 और वाणिज्य विषय के लिए 40 पदों पर भर्ती किया जाना था। प्रथम चरण में 141 लोगों ने विभिन्न स्कूलों में ज्वाइनिंग ले ली। जबकि 59 लोग नहीं आए तो शिक्षा विभाग की ओर से 45 अतिथि शिक्षकों के लिए दूसरी प्रतिक्षा सूची जारी किया गया।

दूसरी अतिथि शिक्षक की सूची जारी होने पर मात्र 27 लोगों ने ही अपनी ज्वाइनिंग ली। बावजूद शिक्षा विभाग को 32 पद पर अतिथि शिक्षक नहीं मिले। तीसरी प्रतिक्षा सूची में गणित के चार, रसायन विभाग के दो, जीव विज्ञान के एक और वाणिज्य विषय के 4 पद अब भी खाली है। भौतिक विज्ञान के लिए तो शिक्षा विभाग को अतिथि शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।

हाईस्कूल में 367 और इंटर में 322 शिक्षकों के पद रिक्त:- हाईस्कूल में 367 और इंटर में 322 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। यानी विषयवार शिक्षकों की कमी 40 प्रतिशत से अधिक होने के बाद भी शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है। अतिथि शिक्षकों से पद भरने की शिक्षा विभाग की तमाम कोशिश भी पूरी नहीं हो रही है। सबसे अधिक शिक्षकों की कर्मी अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा ब्लॉक में देखने को मिल रही है। अधिकांश स्कूल तो एकल शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। शिक्षकों की कमी के चलते कहीं पालक स्कूलों में ताला लगा रहे तो कहीं बालक आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं। विभाग की लापरवाही से शिक्षकों के पद नहीं भर पाने से शिक्षा पर प्रभाव पड़ रहा है।

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