पीडि़ता दीक्षा गढ़पाले ने बताया कि 2013-14 में कम्प्यूटर पढऩे के लिए कांकेर आती थी। योगेश पांडेय पिता महेश पांडेय निवासी गढ़पिछवाड़ी कम्प्यूटर पढ़ाते थे। इस दौरान दोनों में प्यार हो गया। आर्य समाज मंदिर रायपुर में 11 अक्टूबर 2015 को लव मैरिज कर लिए। लव मैरिज के बाद मुझे मेरा पति ससुराल ले गया तो विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। इस बीच तीन साल तक हम दोनों एक साथ पति-पत्नी के रूप में एक किराए के घर में रहे थे।
तीन साल बाद पति ने यह कहकर माता-पिता के घर छोड़ दिया कि उसे हार्नियां की बीमारी है। वह इलाज कराने के लिए बाहर जा रहा है। 12 मई 2019 से महिला अपने माता-पिता के साथ रह रही है। 3 जून 2019 को फेसबुक से महिला को पता चला कि पति भायेश्वरी पांडेय उर्फ पूजा पिता परमानंद पांडेय निवासी दुर्गा चौक दंतेवाड़ा से दूसरी शादी कर ली। जब पति से फोन पर दूसरी शादी के बारे में जानकारी चाही तो झूठ बोला, बाद में कहा तू नीच जाति की हो, मैं तुम्हें नहीं रख सकता। बोला, मैं अपनी दूसरी शादी कर ली। पीडि़ता ने बताया कि पति के दूसरी शादी की सूचना पर मैं शिकायती पत्र लेकर कोतवाली पहुंची तो पुलिस ने अपराध दर्ज नहीं किया। न्याय के लिए कोतवाली का चक्कर लगाने के बार एसपी दफ्तर में इंसाफ के लिए आवेदन सौंप चुकी हूं। पुलिस की बेटी होने के बाद भी इंसाफ नहीं मिल रहा है, मैं कोर्ट जाऊंगी। हालांकि युवक से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया पर योगेश का मोबाइल बंद बता रहा था।