विधायक नेताम ने राजस्व मंत्री से विधानसभा में मानसून सत्र में सवाल पूछा था कि कांकेर जिले में जनवरी माह 2020 से जून 2021 तक किन-किन अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार द्वारा पटवारियों का स्थानांतरण किया गया है? क्या स्थानांतरण नीति के आधार पर स्थानांतरण किया गया है? क्या स्थानांतरण शासन के निर्देश और वर्तमान स्थानांतरण नीति पर किया गया है? स्थानांतरण संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? विधायक नेताम के इस सवाल पर कांकेर कलेक्टर ने 20 जुलाई को राजस्व मंत्री को जानकारी भेजी है।
कांकेर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कांकेर और नरहरपुर में कुल 10 पटवारियों का स्थानांतरण करना बताया है। जबकि सच यह कि 20 पटवारियों का स्थानांतरण किया गया है। राजस्व मंत्री को कांकेर कलेक्टर ने ने सिर्फ 3 पटवारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा बताया है। जबकि 19 पटवारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। विधायक नेताम ने कहा कि हमारे सवाल पर कलेक्टर द्वारा गलत जानकारी दिया गया है। विधायक संतराम नेताम ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि कांकेर कलेक्टर ने विधानसभा को गुमराह किया है। लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में झूठी जानकारी भेजना गलत है।
इस तरह की झूठी जानकारी देने वाले अफसर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सदन से मांग करूंगा। विधानसभा में सचिव को इस संबंध में शिकायत करुंगा। सूचना के अधिकार और मेरे द्वारा दस्तावेजों का अवलोकन करने पर उक्त समय सीमा में 20 पटवारियों का तबादला किया गया और सदन में पूछे गए सवालों के जवाब में सिर्फ 10 लोगों का नाम बताया गया है। यह गंभीर अपराध है। यह तो लोकतंत्र के पवित्र मंदिर का अपमान है। इस तरह की झूठी जानकारी देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सदन में मांग करुंगा। ताकि सदन द्वारा झूठी जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
विधायक के इस सवाल का अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब
केशकाल विधायक नेताम के दूसरे खंड के सवाल का राजस्व विभाग के अफसरों ने जवाब नहीं दिया है। सिर्फ इस सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश शासनकाल का हवाला देते हुए स्थानांतरण नीति वर्ष 1988 का उल्लेख किया है। एक शिकायत मिलना बताया गया है। विधायक ने प्रश्न पूछा था क्या स्थानांतरण शासन के निर्देश एवं वर्तमान स्थानांतरण नीति के आधार पर किया गया है? इस सवाल का जवाब अधिकारियों ने नहीं दिया है। विधानसभा के प्रश्न का गलत उत्तर देना और स्थानांतरण नीति के सवाल का जवाब नहीं देना भारी पड़ सकता है। अभी एक साल पहले पुरान बस स्टैंड मामले में सामुदायिक शौचालय तोडऩे और कब्जा, पट्टा देने मामले में गलत जानकारी भेज दी थी। अभी यह मामला हल नहीं हो पाया कि दूसरी झूठी जानकारी सदन को भेज अधिकारियों को सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाया है।
इन पटवारियों की नहीं दी जानकारी
पटवारी सुरेंद्र नेताम, रीता दर्रो और चयनकृष्ण सरकार का तबादला 12 फरवरी 2020 को किया गया है। उमाशंकर जोशी, प्रेमसिंह दर्रो, धनेश जैन का स्थानांतरण 4 मार्च 2020 को किया गया है। अनिता यादव, मनोज फिशर का तबादला 15 मई 2020 को किया गया। राकेश कुमार गायकवाड़ का तदाबला 9 जुलाई 2020 को और यामिनी नेताम का स्थानांतरण 11 जून 2021 को किया गया है। कांकेर अनुविभागीय क्षेत्र में 19 पटवारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सदन को 3 के बारे में बताया गया है। यह जानकारी कलेक्टर के हस्ताक्षर से भेजी गई है।
केशकाल के विधायक संतराम नेताम ने कहा, मैंने विधानसभा के प्रश्न के उत्तर का अवलोकन किया। मैं प्राप्त दस्तावेज के अध्ययन उपरांत इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मेरे सवाल पर कांकेर कलेक्टर के माध्यम से सदन को झूठी जानकारी दी गई है, जो गंभीर मामला है। इस मामले में विधानसभा में शिकायत करूंगा।