वर्ष 2018-19 में एक लाख 80 हजार 943 हेक्टयेर में धान विक्रय के लिए 63 हजार 336 किसानों ने पंजीयन कराया था। निर्धारित लक्ष्य से अधिक धान की खरीदी गत साल शासन की ओर से किया गया था। इस साल 7 हजार 126 किसानों की संख्या बढ़ गई है। इन किसानों ने भी धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया है। इस साल खेती का क्षेत्रफल भी 9 हजार 694 हेक्टेयर से अधिक बढ़ गए है। यानी इस साल गत वर्ष की अपेक्षा 12 पतिशत किसान तो 6 फीसदी रकबा बढ़ा है।
हर साल की तरह इस साल भी एक एकड़ में 15 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी नहीं किया जाएगा। जबकि किसान दाना-दाना खरीदी बेचने के लिए तैयार है। शासन की ओर से किसी प्रकार का दिशा निर्देश नहीं आने पर किसानों के समक्ष चिंता सता रही कि इस साल अच्छी बारिश होने के बाद भी उत्पादन अधिक होगा। प्रति एकड़ धान खरीदी नहीं बढ़ा तो किसानों धान व्यापारियों को बेचने पर मजबूर होना पड़ेगा। इस वर्ष अचानक हुए बारिश ने तो किसानो के लिए मुसिबत और भी बढ़ा दिया है, पक चुके धान खराब होने की स्थिति में है। अंदरुनी क्षेत्र में अभी भी कहीं-कहीं बारिश जारी है, जिसके चलते खेती को खासा नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।
धान खरीदी के नोडल अधिकारी एमडी सिन्हा ने बताया कि गत साल के अपेक्षा इस साल किसानों की संख्या और क्षेत्रफल भी बढ़ा है। इस साल कुल 70 हजार से अधिक किसान धान की विक्रय करेेंगे। खेती का क्षेत्रफल बढकऱ एक लाख 90 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया है।