स्वास्थ्य केंद्र कोई भी हो चिकित्सकों (Doctors)की ड्यूटी सुबह आठ बजे से प्रारंभ हो दिन में दो बजे तक है। पत्रिका टीम ने नहरहरपुर सीएचसी की व्यवस्थाओं का जायजा सुबह नौ बजे लिया तो वहां कोई मिला ही नहीं। सीएचसी पर पर्ची बनाने वाला भी अनुपस्थित था। लैब में कोई नहीं था। एक्सरे विभाग पूरा खाली था। ओपीडी भी खाली था। चिकित्सक को दूर कर्मचारी भी गायब थे। अस्पताल में थे तो सिर्फ मरीज जो चिकित्सकों के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
एक महिला कर्मचारी से पूछने पर ज्ञात हुआ कि मैं तो सिटी बस से कांकेर से आती हूॅ। इसमें समय तो लग ही जाता है। बताया कि यहां यदि मेरे लिए आवास की व्यवस्था हो तो बात बने। इसी तरह दूसरे कर्मी का कहना था कि वह दसपुर से आता है। मेरा आवास डाक्टर ने खाली कराकर नर्स को दे दिया। जैसे जैसे कर्मचारी पहुंचते गए अपनी अपनी मजबूरी बताते गए। नौ बजे के बाद डॉ नेत्रपाल साहू पहुंचे और कारण पूछने पर बताया कि नाईट ड्यूटी किया हूं। सुबह 7:30 बजे हॉस्पिटल आया था। कर्मियों ने बताया कि लैब और एक्सरे का समय नौ बजे से तीन बजे तक है जबकि दीवार पर सभी सेवाओं का समय आठ से दो बजे तक ही दर्ज था।
नरहरपुर मुख्यालय में धमतरी जिले बहुत से गांव के लोग एवं आस पास के सुबह 8:00 बजे स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग (District hospital)के कर्मचारी लोग कहते है कि हमारे अधिकारी सही समय पर आते तो हम भी पहुंचते। आरएचओ महिला जासरीना जैन का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दबेना में है उसको चिकित्सा अधिकारी द्वारा कई सालों से नरहरपुर स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ किया गया है।