बता दें कि ग्राम पंचायत ठेलकाबोड़ पर स्थित कडक़नाथ पोल्ट्रीफार्म पर तीन-चार दिनों से एक मादा तेंदूआ रोज रात के समय कडक़नाथ मुर्गियों को अपना शिकार बना रहता था, पिछले तीन-चार दिनो में तेंदूआ 70 से अधिक मुर्गियों को अपना शिकार बना चुका था, व्यापारी की शिकायत पर वन विभाग ने दो दिन पहले ही वहां पिंजरा लगाया था, जहां मुर्गो को उसका चारा बना कर छोड़ तो दिया जाता था, लेकिन तेंदूआ बड़ी चलाकी से वहां से मुर्गियां उठा ले जाता था, सोमवार को तेंदूए की चलाकी काम नहीं आई और वह मुर्गे पर हमला करने पिंजरे में जा घुसा। तकरीबन 11.30 बजे पिंजरे का गेट बंद होने की आवाज व्यवसायी को आई।
थोड़ी देर बाद तेंदूए की दहाडऩे की आवास पिंजरे से आने लगी। जिस पर व्यवसायी घर से निकलकर पिंजरे के पास पहुंच कर देखा तो तेंदूआ पिंजरे में कैद हो चुका था। अत्यधिक रात होने के कारण व्यवसायी ने किसी को सूचना नहीं दी।
मंगलवार सुबह 6 बजे वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी। जिस पर विभाग ने तत्काल पहुंच कर अपने कब्जे में ले लिया। इस घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ो की संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण व शहर से लोग तेंदूए को देखने पहुंच रहे थे।
वहीं तेदूंए के पकड़े जाने पर व्यवसायी सहित क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वन विभाग से पहुंचे अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि तेंदूआ मादा है और इसकी उम्र लगभग 5 वर्ष की होगी। विभाग की टीम समाचार लिखे जाने पर यह तय नहीं कर पाई थी, कि इसे कहां छोडऩा है। फिलहार तेंदूआ अभी वन विभाग के कब्जे में सुरक्षित है।