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सरकारी दफ्तरों का सुबह 10 बजे तक न खुल रहा ताला, ना अफसर मिल रहे हैं ना ही कर्मचारी

locationकांकेरPublished: Sep 19, 2021 12:08:49 am

Submitted by:

Ashish Gupta

Kanker News: सरकारी दफ्तरों में साहब की उपस्थिति के साथ कर्मचारियों की हाजिरी के लिए लाखों में खरीदी अधिकांश बायोमेट्रिक मशीनें खराब हो चुकी हैं और कुछ को कबाड़ में फेंक दिया गया।

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सरकारी दफ्तरों का सुबह 10 बजे तक न खुल रहा ताला, ना अफसर मिल रहे हैं ना ही कर्मचारी

कांकेर/देवेंद्र साहू. Kanker News: सरकारी दफ्तरों में साहब की उपस्थिति के साथ कर्मचारियों की हाजिरी के लिए लाखों में खरीदी अधिकांश बायोमेट्रिक मशीनें खराब हो चुकी हैं और कुछ को कबाड़ में फेंक दिया गया। अधिकांश सरकारी दफ्तारों का ताला सुबह 10 बजे तक नहीं खुल रहा है। किसी का खुल भी रहा तो 11 बजे तक झाडू़ पोछा हो रहा है। इसकी हकीकत जानने के लिए पत्रिका टीम ने कलेक्ट्रेट में कुछ दफ्तरों का स्टिंग किया तो पोल खुल गई। कहीं, बायोमेट्रिक मशीन नहीं दिखी तो कही अनुपयोगी हालत में पड़ी थी।
वैसे तो सभी सरकारी दफ्तारों में 10 बजे तक अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य है। पर यहां तो 11 बजे से पहले कोई नहीं आता है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक अधिकतर दफ्तारों मेें ताले नहीं खुल रहे हैं। पड़ताल में जिन दफ्तरों के खुले भी थे तो वहां पर अधिकारी-कर्मचारी नहीं आए थे। कई विभाग तो ऐसे थे, जहां पर कोई नहीं आया था।
पड़ताल में पता चला कि जिला मुख्यालय में कई ऐसे विभाग हैं, जहां 11 बजे तक कोई नहीं आता है। जिन दफ्तारों के ताले खुले थे, वहां पर सिर्फ चपरासी दिख रहे थे। जिला मुख्यालय में यह हाल है। यहां अधिकारियों को देर से आने और समय से पहले कार्यालय छोड़ने की जल्दी रहती है। अधिकारियों की इस लापरवाही के चलते कर्मचारी भी उसी रास्ते पर चलते हैं। जिला मुख्यालय का यह हाल तो अंचल के दफ्तरों का क्या होगा। अधिकारी और कर्मचारी सुबह 11 से 11:30 बजे तक पहुंचते हैं और दोपहर एक नहीं बजे लंच करने चले जाते हैं। तीन बजे तक पहुंचते हैं और पांच बजे फिर घर की वापसी हो जाती है।
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बायोमेट्रिक खराब
कुछ विभागों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समय पर उपस्थित के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगी तो है लेकिन खराब है। कुछ दफ्तरों से गायब हो चुकी है। कहीं खराब पड़ी तो कहीं गायब है। वैसे देखा जाए तो लेटलतीफी की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी है, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं होती है। क्योंकि सभी साहब तो देर से ही आते हैं। साहब के पास पहुंचने वाले फरियादियों को समय पर न्याय नहीं मिल रहा है। ऐसे इन दफ्तारों का भी समय पर निरीक्षण होना चाहिए और देर से आने वालों पर फाइन लगाए जाए।

अफसरों की लापरवाही
जिला मुख्यालय में पदस्थ अधिकांश अधिकारी 11 बजे से पहले कार्यालय नहीं आते हैं कई विभागों में तो 11.30 बजे के बाद काम शुरू होता है और दोपहर एक बजे से तीन बजे तक लंच हो जाता है। पत्रिका के पड़ताल में इस तरह की सच्चाई सामने आ रहा है। जिला मुख्यालय में प्रतिदिन दूर से आने वाले अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होते हैं। अगर जिला मुख्यालय में इस तरह का हाल तो दूर दराज के दफ्तारों का संचालन तो राम भरोसे ही चल रहा है।

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अन्तव्यावसायी विभाग: सुबह 10.18 बजे तक इस कार्यालय में ताला लटक रहा था। कोई नहीं आया था। बाहर कई लोग कुछ कार्य के लिए इंतजार कर रहे थे। लोगों ने कहा, यहां तो यही हाल है।
नाप तौल विभाग: सुबह 10.21 बजे जब इस कार्यालय में पड़ताल किया गया तो काई नहीं पहुंचा था। पता चला यहां पर अधिकारी कर्मचारी नहीं आए हैं। यह हाल कलेक्ट्रट परिसर का है।

समय: कलेक्टर परिसर में संचालित इस कार्यालय में सुबह 10.20 बजे तक अधिकारी कर्मचारी नहीं आए थे। दफ्तर का ताला लगा था। इस तरह की लापरवाही कलेक्टर परिसर में है।
समय: सुबह 10.20 बजे इस कार्यालय में टीम पहुंची तो यहां पर अधिकारी नहीं थे। सफाई कर्मी कार्यालय की सफाई कर रहा था। पूछने पर बोला साहब अभी नहीं आए हैं।

समय: सुबह 10.14 बजे पत्रिका टीम जब खनिज कार्यालय में पहुंची तो दोनों कमरों में ताला लगा था। इस समय तक यहां पर अधिकारी कर्मचारी तो दूर चपरासी भी नहीं पहुंचा था।
समय: कलेक्टर परिसर में संचालित डाक घर में सुबह 10.18 बजे तक ताला लगा था। इस समय तक कई लोग अपना काम पूरा कराने के लिए दफ्तार के बाहर इंतजार कर रहे थे।

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