यह सीट पिछले पांच चुनाव से भाजपा की झोली में है। अब छठवीं बार भी भाजपा का परचम इस सीट पर लहराया है। यह बात दीगर है कि इस बार नेतृत्व मोहन मंडावी को मिला है जो पिछली बार विक्रम उसेंडी के पास था। मंडावी ने जहा 47.05 % मत प्राप्त किया वही कांग्रेस के बीरेश ठाकुर 46.58 % ही अपने नाम कर पाए।
कांकेर की जनता ने कांग्रेस(Congress) के परिवर्तन को नकारते हुए भाजपा (BJP)के राष्ट्रवाद को अपना समर्थन दिया है। दोनों ही दलों ने नए चेहरों को मैदान में उतार यह लड़ाई और रोचक कर दी थी। दोनों ने हालांकि बड़ी जीत का दावा किया था पर जनता भाजपा के राष्ट्रवाद को चुनना बेहतर समझी।
जीत के बाद मोहन मंडावी ने दिया सन्देश
मैं वचन देता हूं… जनता मेरी प्राथमिकता है और पूरी-पूरी मेहनत, ईमानदारी के साथ उसके लिए काम करूंगा। समस्याओं का निस्तारण पहली प्राथमिकता होगी और इसके लिए किसी का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटूंगा। कांकेर लोकसभा(Kanker Lok Sabha Seat) को आदर्श लोकसभा बनाने का प्रयास करूंगा।