शनिवार को जब नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने वरिष्ठ जन पहुंचे तो नाराज कांग्रेसी यूथ और एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने कहा जब चार-पांच लोग ही लोकसभा चुनाव को जीता सकते हैं तो पूरी कमान उन्हीं को सौंप दी जाए। कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता के चलते प्रचार कर रहे थे, पर अब हम प्रचार नहीं करेंगे। कहा जा रहा है कि तीन दिन पहले कांग्रेसी यूथ और एनएसयूआई के सभी कार्यकर्ता प्रचार-प्रचार से हाथ का साथ छोड़ दिए हैं। इसकी भनक पार्टी में लगी तो खलबली मच गई।
बड़े नेताओं ने जब प्रचार के लिए युवाओं को साथ चलने के लिए कहा तो इनकार कर दिए। यूथ कार्यकर्ताओं की नाराजगी प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों तक पहुंच गई। इस सीट पर कांग्रेस की नैया डमगाते देख युवा प्रदेश प्रभारी पंकज वाधवानी और चाकेश्वर गढ़पाले (बाबा) को मोर्चा संभालना पड़ गया। नाराजा कांग्रेस के यूथ कार्यकर्ताओं के साथ वाधवनी और बाबा गढ़पाले ने चर्चा की तो सम्मान नहीं देने की बात सामने आ गई।
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जब हमें सम्मान नहीं मिल रहा तो आम जनता को कैसे मिलेगा। जिले में चार-पांच नेता ही कांग्रेस को जीत दिलाने का दावा कर रहे तो वही प्रचार भी कर लें। हम युवा नहीं जा सकते हैं। घंटों मान-मनौबल के बाद भी कांग्रेसी युवा तैयार नहीं हुए अन्य पदाधिकारियों को आना पड़ गया। तीन दिन से कांग्रेस का यूथ प्रचार के लिए नहीं निकला तो भीड़ पर असर दिखाई दे रहा है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में चार-पांच लोगों को फंड की जिम्मदारी सौंपी गई है। पार्टी की ओर से सहयोग नहीं मिला तो यूथ ने हाथ का साथ छोड़ दिया। बाद में पार्टी के बड़े पदाधिकारियों को अपनी-अपनी गलती का एहसास हो गया। आखिरकार बड़े पदाधिकारियों को यूथ के सामने में झूकना पड़ गया। कांग्रेसी यूथ की नाराजगी के चलते कांग्रेस की हालत पतली हो रही है।