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शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा

locationकांकेरPublished: Mar 15, 2018 10:43:23 am

Submitted by:

Deepak Sahu

ओडीएफ घोषित हो चुके ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।

toilet scam

कांकेर. ओडीएफ घोषित हो चुके ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। नरहरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत बागडोंगरी के हितग्राहियों को अनुदान की फूटी कौड़ी नहीं मिली है फिर भी जिला पंचायत और जनपद पंचायत से एफटीओ के माध्यम से भुगतान होना बताया जा रहा है। डेढ़ साल इंतजार के बाद ग्रामीणों ने लोक सुराज में फरियाद की तो लाखों की गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।

पत्रिका टीम ने बागडोंगरी ग्राम पंचायत में पड़ताल किया तो गांव में 303 परिवार का राशन कार्ड बना है और मात्र 216 हितग्राहियों के यहां शौचालय का निर्माण किया गया है। 42 परिवार आज भी खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। इस गांव को जिला और जनपद पंचायत की ओर से ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।
ग्रामीणों ने बताया कि बिना जांच पड़ताल किए आठ जुलाई 2016 को गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। गांव के 261 हितग्राहियों के यहां ठेके की प्रथा पर सरपंच और सचिव ने शौचालय निर्माण में मनमानी की है। नरहरपुर ब्लॉक मुख्यालय से चंद किमी पर गांव होने के बावजूद चारामा से मटेरियल की आपूर्ति की गई है। चारामा के संध्या नाम के सप्लायर को मनरेगा शाखा से करीब 25 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है। जबकि हितग्राहियों के खाते में फूटी कौड़ी नहीं मिली।
डेढ़ साल से ओडीएफ की अनुदान राशि नहीं मिली तो लोक सुराज में फरियाद करने पर खुलासा हुआ कि लाखों रुपए की गड़बड़ी हितग्राहियों के नाम पर की गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ओडीएफ के नाम पर पंचायत सचिव और सरपंच की मिलीभगत से लाखों की राशि का बंदरबांट किया गया है। आक्रोशित ग्रामीण अब कलक्टर से अनुदान राशि के लिए गुुहार करेंगे।

शौचालय बना नहीं और कागज में हो गया पूरा
बागडोंगरी कोरियापारा निवासी सुरेंद्र पिता देवचंद ने लोक सुराज में शौचालय निर्माण के लिए गुहार की तो उसके यहां शौचालय का निर्माण कार्य पूरा होना और अनुदान की राशि खाता में भेज देना दर्शाया गया है। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि आखिर सुरेंद्र के घर शौचालय बना ही नहीं तो किसके खाते में 12 हजार पैसा भेज दिया, जिम्मेदारों के पास इसका जवाब तक नहीं है।

निजी शौचालय बनाया तो काटा दिया नाम
भीखम पिता सागर साहूू ने बताया कि वह अपना पैसा लगाकर अच्छा शौचालय का निर्माण कराया तो ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच ने उसका नाम पात्र सूची से हटा दिया। अर्जुनराम पिता लातखुर ने निजी पैसा से अपना शौचालय बनाया तो पंचायत सचिव ने पात्र सूची से बाहर कर दिया। जबकि बीपीएल सूची में पात्र श्रेणी में दर्ज है।

बागडोंगरी के ग्राम पंचायत सचिव ओंकार सिन्हा ने कहा ग्राम पंचायत में 261 हितग्राहियों के नाम पर शौचालय का निर्माण कराया गया है। एफटीओ के माध्यम से सभी का भुगतान जनपद पंचायत से होना बताया जा रहा है। हितग्राहियों के खाता में पैसा नहीं आ रहा तो हम क्या करें। गांव में 303 राशन कार्डधारी हैं। शेष बचे 42 परिवारों का नाम सूची में दर्ज नहीं है, जल्द नाम जोड़ा जाएगा।
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