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मिशनरी के 17 छात्रावासों का हो रहा संचालन, अधिकारी फिर नहीं कर रहे जांच

locationकांकेरPublished: Aug 11, 2018 05:21:30 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

मिशनरी के 17 छात्रावासों का पंजीयन आदिम कल्याण और शिक्षा विभाग के दस्तावेज में नहीं है।

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मिशनरी के 17 छात्रावासों का हो रहा संचालन, अधिकारी फिर नहीं कर रहे जांच

कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के जुनावर सहित मिशनरी के 17 छात्रावासों का पंजीयन आदिम कल्याण और शिक्षा विभाग के दस्तावेज में नहीं है। इसी तरह से मिशनरी का एक बालिका छात्रावास शहर में संचालित हो रहा है। जबकि शासन से बालक और बालिका छात्रावासों की निगरानी के लिए आदेश जारी होने के बाद भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक जांच नहीं किए हैं।

भानुप्रतापपुर और कोयलीबेड़ा ब्लॉक के अतिसंविदनशील क्षेत्रों में गैर कानूनी ढंग से वर्षों से बालक-बालिका छात्रावासों का संचालन होना प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। जिला प्रशासन का भारी भरकम खुफिया तंत्र और विभागीय अमला के बाद भी बिना पंजीयन छात्रावासों का संचालन खुलेआम किया जा रहा है। आखिर इन छात्रावासों में बड़ी घटना होने पर कौन जिम्मेदार होगा। शायद इसका जवाब न तो विभाग के जिम्मेदारों के पास है, न ही प्रशासन के पास है। जबकि मिशनरी स्कूल संचालक द्वारा बताया जा रहा कि मार्च 2016 में ही इन छात्रावासों के बारे में लिखित जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को मिल चुकी है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम मौके पर छात्रावासों का सत्यापन भी कर चुकी है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि वर्षों से स्कूलों की आड़ में संचालित होने वाले छात्रावासों के संबंध में आदिम कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग ने संज्ञान क्यों नहीं लिया। बता दें कि अभी हाल ही में जुनावर छात्रावास में एक छात्र की मौत होने के बाद इन छात्रावासों का खुलासा हुआ जो अंचल में अवैध ढंग से संचालित हो रहे है। आदिम और शिक्षा विभाग के अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर पल्लाझाड़ रहे हैं।

जिला बाल संरक्षण के अधिकारी, रीना लारिया ने बताया जुनावर छात्रावास में बाल संरक्षण आयोग के सदस्य के साथ जिला एवं बाल सरंक्षण की टीम जांच के लिए गई थी। नाले में अधिक पानी होने के कारण हम छात्रावास तक नहीं पहुंच पाए। छात्रावास के फादर को बुलाकर एक बच्चे के मौत के संबंध में बयान लिया गया। छात्रावास संचालक के लिए उनके पास किसी प्रकार का दस्तावेज नहीं था।

बाल संरक्षण आयोग के सदस्य, अरविंद जैन ने बताया महिला एवं बाल सरंक्षण की टीम के साथ मैं स्वयं जुनावर छात्रावास के लिए गया था। नाला में अधिक पानी होने के कारण मौके पर छात्रावास के फादर से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राएं एक ही छात्रावास रहती है । पंजीयन संबंधी दस्तावेज नहीं मिला। इस लापरवाही के जिला प्रशासन जिम्मेदार है।।

कांकेर सेंटमाइकल स्कूल के फादर टोनी मैच्यू ने बताया महिला एवं बाल विकास विभाग को हमारी संस्था की ओर से 2016 में ही इन छात्रावासों के संबंध में लिखित में जानकारी दे दिया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आज तक संस्थान को किसी प्रकार पंजीयन के संबंध में नहीं बताया गया है। अगर छात्रावासों का पंजीयन अनिवार्य होगा तो करा लिया जाएगा।

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