पत्रिका के हाथ एक और ऑडियो पैसे की मांग करने वाला मिला है। जिसमें मितानिनों से 10-10 हजार रुपए की मांग की जा रही है। पैसा नहीं देने पर नौकरी से हाथ धोने की चेतावनी भी दी जा रही है। मामला उजागर होने के बाद जिम्मेदार इस संबंध में बोलने से कन्नी काट रहे हैं। जानकारी के अनुसार मितानिनों के प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी पाए जाने पर उच्चाधिकारियों ने ब्लॉक कोडिनेटर (बीसी) रतना सरकार को नौकरी से हटा दिया है। इस गड़बड़ी की जांच जनपद पंचायत सीईओ की निगरानी में की जा रही है।
प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी के मामले एक नया मोड़ सामने आया है। क्षेत्र की मितानिन प्रशिक्षक (एमटी) ने बीसी को बचाने के लिए गोंडाहुर क्षेत्र की तीन मितानिनों पर दबाव बना रही हैं कि वह आरोप पत्र वापस ले लें, वरना 10-10 हजार रुपए देना पड़ेगा। पालन नहीं करने पर नौकरी से हाथ धोना पड़ जाएगा। इस तरह का एक और ऑडियो सामने आने से और परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि एमटी ने इस मामले में बोलने से इनकार कर दिया है। स्वस्थ्य विभाग की पहल पर ग्रामीण क्षेत्र में मितानिनों की नियुक्ति की गई है। अतिसंवेदनशील क्षेत्र की भोली-भाली महिलाओं को मितानिन बनकर स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि मितानिनों को नाम मात्र की प्रोत्साहन दिया जाता है।
मितानिनों ने बताया कि एमटी और बीसी द्वारा उनके खाता में हिसाब से अधिक प्रोत्साहन राशि डालकर वापस ले लिया जाता है। अब पुन: उनपर दबाव बनाकर पैसे की मांग की जाती है। कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों के यहां उगाई का खेल चल रहा है। मितानिनों के घर जाकर कोरे कागज पर हस्ताक्षर भी लिया जा रहा है। बीसी पर आरोप वापस लेने दबाव भी बनाया जा रहा है। आरोप वापस नहीं लेने पर नौकरी जाने का भय पैदा किया जा रहा है। इससे मितानिनों को परेशानी हो रही है।