वैसे कांकेर में तीन लाख मजदूरों का जाब कार्ड बनाया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो विभाग से जानकारी मिली कि 2016 -17 में तीस दिवसीय या इससे अधिक दिन तक काम करने वाले मजदूरों को ही मुफ्त में टिफिन का वितरण किया जाएगा। यानी दो साल पहले मनेरगा मजदूरी करने वालों को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
मनरेगा शाखा की ओर से कुल 45229 मनरेगा मजदूरों को टिफिन वितरण के लिए लिस्ट तैयार की जा रही है। जबकि आन लाइन जॉब कार्ड पर नजर दौड़ाएं तो तीन लाख लोगों का जॉब कार्ड बनाया गया है। मनरेगा शाखा से ऐसे मजदूरों के नामों की सूची भी तैयार हो रही है। वैसे मुख्यमंत्री ने मनरेगा में काम करने वाले सभी मजदूरों को मुफ्त में टिफिन वितरण की घोषणा की थी। अभी हाल ही में रायपुर में मनरेगा मजूदरों को टिफिन का वितरण भी किया गया है। कांकेर और अन्य ब्लॉकों में मनरेगा मजदूरों को मुफ्त में टिफिन योजना का लाभ जल्द दिया जाएगा।
गरीबों को मुफ्त में मोबाइल वितरण के नाम पर सिर्फ कमीशन खोरी हो रही है। गरीब मनरेगा मजदूरों को मुफ्त में टिफिन वितरण के नाम पर हल्ला तो मचा रहे लेकिन इसका लाभ सभी को नहीं मिलने वाला है। इस तरह से सिर्फ किसानों, मजदूरों और गरीबों के नाम पर प्रदेश सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है। चारामा निवासी किसान देवाराम साहू ने कहा कि सिर्फ अपने अपने स्वार्थ के लिए मोबाइल और टिफिट का वितरण किया जा रहा है।
मनरेगा के पीओ रितु कोसरिया ने बताया कि सिर्फ वर्ष 2016 -17 में तीस दिन तक काम करने वाले मनरेगा मजदूरों को ही मुफ्त में टिफिन का वितरण किया जाएगा। तीस दिवस से अधिक काम करने वालों का नाम सूची में जोड़ा गया है। शासन के आदेश के आधार पर मनरेगा में तीस दिन से अधिक काम करने वाले 45229 मजदूरों को टिफिन का लाभ मिलेगा