पखांजूर और अंतागढ़ क्षेत्र में जगह-जगह माओवादियों ने पर्चे फेंककर बैनर लगा दिए थे। नक्सलियों के बैनर के चलते छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा को जोडऩे वाली सडक़ पर गुरुवार को दिनभर सन्नाटा छाया हुआ था। पखांजूर मुख्यालय से महज 4 किमी दूर पीवी नॉ-25 के तालाब के पास, पीवी नॉ-18 एवं पीवी नॉ-16 की ओर जाने वाली रोड तथा संगम से मच्चपल्ली सडक़ पर भारी मात्रा में पर्चा फेंका गया है। नक्सलियों द्वारा प्रतिक्रांतिकरी दमन योजना समाधान के खिलाफ 25 से 31 जनवरी 2019 तक प्रचार अभियान एवं भारत बंद को सफल बनाने पखांजूर अंचल में बैनर लगाया गया है।
भारत बंद की अपील करते हुए बैनर पोस्टर में समाधान, दमन के विरोध में सम्मेलन रैली संगोष्ठियों, आमसभाओं का आयोजन करने का उल्लेख है। गीत नृत्य, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से संस्कृतिक संगठन को जनता के बीच व्यापक प्रचार करने लिया गया है। 31 जनवरी 2019 तक समाधान के लिए बंद असर दिखा रहा है। नक्सलियों द्वारा बैनर लगाए जाने से मुख्य मार्गों पर आवागमन ठप हो गया था।
महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश की सडक़ और पखांजूर का लाइफ लाइन बंद होने के कारण मुसाफिरों को परेशानी का समाना करना पड़ गया। नक्सलियों के पर्चे में एक बार फिर मोदी सरकार के जनविरोधी बात लिखी है। बाहरी कंपनियों को मार भगाने और केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणी की गई है। मुख्य सडक़ पर भी पर्चे फेंका गया है। नक्सलियों के इस आह्वान में क्षेत्र में दहशत का माहौल है। मच्चपल्ली में फेंके पर्चे में दंडकरण स्पेशल जोनल कमेटी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी का उल्लेख किया गया है।
वहीं, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा में लगे बैनर पोस्टर और पर्चे में गढ़चिरौली डीविजन कमेटी का उल्लेख किया गया है। उधर, अंतागढ़ से भानुप्रतापपुर, कोयलीबेड़ा और नारायणपुर को जोडऩे वाली सडक़ पर भी यात्री वाहन नहीं चलने से नियमिति ड्यूटी देने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडा़। नक्सलियों के बंद के आह्वान पर लोगों को भारी दिक्कत परेशानी हुई। दोनों ब्लॉक में यात्री बस सडक़ पर नहीं दिखीं। सिर्फ बाइक ही दौड़ रही थी।