नियमों को देखे तो स्कूल, अस्पताल, होटल व रेस्टोरेंट एवं शासकीय दफ्तरों में आगजनी से बचाने के लिए फायर इन्टीगेटर लगाया जाना अनिवार्य है। जो यहां लगाया नहीं जा रहा है। संस्थानों में दिखावे के लिए कहीं एकाध बाल्टी बालू तो कहीं एक दो छोटे-छोटे संयंत्र रख दिए गए हैं। फायर इन्टीगेटर लगाने की अनिवार्यता को पालन कराने में जिला प्रशासन भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
आलम यह है कि कहीं भी कोई दुघर्टना हो तो उसका बड़ा खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है। बात कांकेर की करें तो यहां के जिला अस्पताल सहित किसी भी चिकित्सालय में, बड़े शिक्षण संस्थानों में तथा होटलों व रेस्टोरेंटों में फायर इन्टीगेटर नाम की कोई चीज है ही नहीं। नपा के सीएमओ सौरभ तिवारी ने कहा कि सभी बड़े संस्थानों को बार-बार समझाइश दी जा रही है। बावजूद इसके प्रति लोग गंभीर नहीं हो रहे हैं। किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकी है।